Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Oct, 2017 10:08 AM
पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला में मौजूदा समय निचले अधिकारियों की तानाशाही पूरे जोरों पर है जिसे गरीब कर्मचारी बर्दाश्त करने के लिए मजबूर हैं। पंजाबी यूनिवर्सिटी में पिछले 10 सालों से भी अधिक समय से ठेकेदारी व्यवस्था के द्वारा काम करते आ रहे सफाई...
पटियाला(जोसन): पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला में मौजूदा समय निचले अधिकारियों की तानाशाही पूरे जोरों पर है जिसे गरीब कर्मचारी बर्दाश्त करने के लिए मजबूर हैं। पंजाबी यूनिवर्सिटी में पिछले 10 सालों से भी अधिक समय से ठेकेदारी व्यवस्था के द्वारा काम करते आ रहे सफाई कर्मचारियों को एस.डी.ओ. और रजिस्ट्रार स्तर पर बहाने बना हाजिरी बंद करके नौकरी से बाहर निकाला जा रहा है। सफाई कर्मचारी अवतार सिंह ने अपने साथ हो रहे उत्पीडऩ और धक्केशाही बारे एस.सी./बी.सी. इम्प्लाइज फैडरेशन के प्रधान डा. जतिन्द्र सिंह मट्टू को लिखित मांग पत्र दिया।
सफाई कर्मचारी अवतार सिंह ने कहा कि वह एक गुरसिख है और मजहबी सिख जाति के साथ संबंध रखता है। अवतार सिंह ने अपने पत्र में बताया कि सितम्बर 2017 के मध्य बिना किसी शिकायत या कसूर के उसकी हाजिरी बंद करके उसको नौकरी से निकाल दिया और अब एस.डी.ओ. बता रहे हैं कि अवतार सिंह की जगह नया कर्मचारी भर्ती कर लिया है। अवतार सिंह ने कहा कि वह पंजाबी यूनिवॢसटी में पिछले 10 सालों से सेवा कर रहा है परंतु बिना किसी कारण ही एस.डी.ओ. ने अपने किसी चहेते को रखने के लिए उसको नौकरी से निकाल दिया। अवतार सिंह ने बताया कि सितम्बर महीने को एक दिन वह सीनेट हाल में सफाई का काम खत्म करके 4 बजे अप कीप दफ्तर गया वहां सुपरवाइजर ने उसको अन्य स्थानों से कागज उठाने के लिए भेजा। शाम 5.30 बजे फिर उसकी ड्यूटी दूसरी तरफ लगा दी गई जिस कारण उसने अन्य ड्यूटी करने से मना कर दिया।
इसी तरह होस्टल नंबर 7 में से भी 2 सफाई कर्मचारी महिलाओं को नौकरी से निकाल दिया है जबकि उनमें से एक सफाई कर्मचारी का कोई भी दोष नहीं था। यह दोनों महिलाएं विधवा हैं और वह ड्यूटी करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रही थीं। उनके खिलाफ विद्यार्थियों की कोई शिकायत थी जिसको विद्याॢथयों ने बाद में वापस ले लिया था। इसके अलावा कई और कर्मचारियों की भी बिना कारण हाजिरी बंद करके अधिकारी गरीब कर्मचारियों पर अपनी अफसरी चला रहे हैं। इस संबंधी बातचीत करते हुए एस.सी./बी.सी. इम्प्लाइज फैडरेशन, पंजाबी यूनिवर्सिटी के प्रधान डा. जतिन्द्र सिंह मट्टू ने कहा कि उनके पास यह मामला आया है। यदि कोई भी निचले स्तर पर अधिकारी किसी गरीब और मेहनतकश कामगार के साथ धक्का कर रहा है तो यह सरासर निंदनीय है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अपनी अफसरी इन गरीब मजबूर कर्मचारियों पर नहीं दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही वाइस चांसलर डा. बी.एस. घुम्मन को अधिकारियों की ओर से कर्मचारियों के किए जा रहे नुक्सान बारे बताएंगे फिर भी यदि कोई हल न निकला तो वह इस बारे मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरेन्द्र सिंह और पूर्व विदेश राज्य मंत्री परनीत कौर को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि 10-10 सालों से काम करते कर्मचारियों की सेवाएं रैगुलर करने की बजाय कर्मचारियों को बिना किसी ठोस वजह से ड्यूटी से फारिग किया जा रहा है जो किसी भी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा।