Edited By Updated: 24 May, 2017 04:08 PM
पंजाबी यूनिवर्सिटी के तहत आते सरकारी कालेजों को मास्टर डिग्री कोर्स न करवाने देने का फैसला डीन स्टूडैंट्स वैल्फेयर द्वारा किया गया है।
पटियाला (प्रतिभा) : पंजाबी यूनिवर्सिटी के तहत आते सरकारी कालेजों को मास्टर डिग्री कोर्स न करवाने देने का फैसला डीन स्टूडैंट्स वैल्फेयर द्वारा किया गया है। इसकी वजह यही है कि सरकारी कालेज यू.जी.सी. के नियम पूरे नहीं करते हैं। इस वजह से नए सैशन में सरकारी कालेजों को मास्टर्स डिग्री कोर्स नहीं दिए जाएंगे। हालांकि कालेजों में जो एम.ए. लैवल के कोर्स चल रहे हैं, वे तो जारी रहेंगे। वहीं डीन कालेजिस के पास एम.ए. डिग्री के कोर्स चलाने के लिए लगातार डिमांड आ रही है। दूसरी तरफ यूनिवर्सिटी अथारिटी प्राइवेट कालेजों को मास्टर डिग्री कोर्स करने की मंजूरी दे रही है। वजह यही है कि यू.जी.सी. नियमों के मुताबिक सरकारी कालेजों में टीचर्स की भर्ती ठेका आधारित है और उन्हें रैगुलर तौर पर नियुक्ति नहीं दी जा रही। वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट कालेजों में टीचर्स की भर्ती रैगुलर आधार पर होती है। ऐसे में यू.जी.सी. का सबसे पहला नियम ही यह है कि टीचर्स की भर्ती रैगुलर आधार पर हो। तथा सरकारी कालेज वाले इस नियम को पूरा नहीं कर पा रहे हैं।
50 कालेजों में एम.ए., एम.एससी. और एम.काम. की डिमांड
गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी के तहत 275 के करीब कालेज आते हैं। इसमें बी.एड. कालेज निकाल दिए जाएं तो बाकी 165 के करीब कालेजों में से 50 के करीब कालेज एम.ए., एम.एससी. और एम.काम. कोर्सिज करवाने की डिमांड कर रहे हैं। अब सरकारी कालेजों में पहले से जो एम.ए. कोर्स चल रहे हैं, उन्हें जारी रखा जा रहा है पर जो नए स्तर पर डिमांड कर रहे हैं, उन्हें एम.ए. लैवल के कोर्स नहीं मिलेंगे। इनमें से आधे से कुछ ज्यादा प्राइवेट कालेज हैं, उनकी भी एम.ए. और एम.एससी. कोर्स शुरू करवाने की डिमांड आई है पर अथारिटी इसमें भी पहले यह देखेगी कि प्राइवेट कालेजों में बी.ए., बी.काम., बी.एससी. के क्या हाल हैं। वो जरूरी शर्तों को पूरा कर भी रहे हैं या नहीं।
सरकारी कालेजों को नहीं होगी मास्टर डिग्री की डिमांड मंजूर : डीन कालेजिस
इस मामले में डीन कालेजिस डा. कुलबीर सिंह ढिल्लों ने कहा कि सरकारी कालेजों को मास्टर डिग्री की डिमांड मंजूर नहीं होगी। वजह यही है कि वो रैगुलर टीचर्स नहीं रख सकते हैं। पार्ट टाइम टीचर्स की भर्ती होती है और यू.जी.सी. नियमों में पहला नियम ही यही है कि रैगुलर टीचर्स रखे जाएं। इसलिए नए एम.ए. लैवल के कोर्स स्वीकार नहीं किए जाएंगे। प्राइवेट कालेजों को लेकर अभी वैरीफिकेशन चल रही है। अगर प्राइवेट कालेजों में बी.ए., बी.काम. और बी.एससी. के कोर्सिज ठीक चल रहे हैं तो उसके बाद ही मास्टर कोर्स उन्हें दिए जाएंगे। यह भी देखा जाएगा कि वो इंफ्रास्ट्रक्चर और टीचर्स की नियुक्ति को लेकर नियम पूरे कर रहे हैं या नहीं। जो कालेज शर्तें पूरी करेंगे, उन्हें ही कोर्स दिए जाएंगे।