Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Jun, 2017 10:24 AM
पंजाब मंत्रिमंडल ने राज्य विधानसभा के बजट सत्र में पेश किए जाने वाले जी.एस.टी. बिल के प्रारूप को हरी झंडी देने के साथ-साथ राज्यपाल को पेश की जाने वाली 5वें वित्त आयोग की रिपोर्ट को भी मंजूरी दे दी है।
चंडीगढ़ (पराशर): पंजाब मंत्रिमंडल ने राज्य विधानसभा के बजट सत्र में पेश किए जाने वाले जी.एस.टी. बिल के प्रारूप को हरी झंडी देने के साथ-साथ राज्यपाल को पेश की जाने वाली 5वें वित्त आयोग की रिपोर्ट को भी मंजूरी दे दी है। यह महत्वपूर्ण फैसला आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि कैबिनेट ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मार्कीट कमेटियों के प्रशासकों की नियुक्ति संबंधी ड्राफ्ट बिल और पंजाब खेतीबाड़ी उत्पादन मार्कीट्स एक्ट 1961 में संशोधन का भी फैसला किया है।
जी.एस.टी. काऊंसिल द्वारा मंजूर और केंद्रीय कानून मंत्रालय के वैधानिक विभाग द्वारा जी.एस.टी. के बारे में राज्य बिल के कानून का रूप लेने के बाद पंजाब म्यूनिसिपल फंड एक्ट-2006 और पंजाब म्यूनिसिपल बुनियादी ढांचा विकास एक्ट-2011 को इसमें बदले जाने के लिए राह प्रशस्त हो जाएगा। इससे सरकारी खजाने को बल मिलेगा।
मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर 5वें राज्य वित्त कमीशन में 2016-17 से 2020-21 तक स्थानीय संस्थाओं को कुल राज्य के टैक्सों का मौजूदा 4 प्रतिशत हिस्सा जारी रखने की सिफारिश की गई है। शहरी स्थानीय संस्थाओं और पंचायती राज संस्थाओं में आपस में बांटने की कमीशन की सिफारिशें राज्य सरकार द्वारा मंजूर करने के परिणाम स्वरूप दोनों देहाती और शहरी स्थानीय संस्थाओं को 4364.40 करोड़ (अनुमानित) मिलेंगे। मंत्रिमंडल ने कमीशन की अन्य महत्वपूर्ण सिफारिशें भी मंजूर कर ली हैं जो हानिपूरक भुगतान से संबंधित हैं।
मंत्रिमंडल ने बजट सत्र दौरान पंजाब खेतीबाड़ी उत्पादन मार्कीट एक्ट-1961 की धारा 12 में संशोधन के जरिए मौजूदा नामजद मार्कीट कमेटियों को भंग कर प्रशासनिक अधिकारी लगाने से संबंधित ड्राफ्ट बिल पेश करने को भी मंजूरी दी है। कैबिनेट ने पंजाब खेतीबाड़ी उत्पादन एक्ट-1961 में संशोधन करने के लिए एक ड्राफ्ट बिल विधानसभा में पेश करने का फैसला किया है ताकि भारत सरकार द्वारा बनाए गए मॉडल एक्ट के मुताबिक मंडीकरण सुधार के लिए सहूलियतें मुहैया करवाई जा सकें।