Edited By Updated: 25 May, 2017 02:01 PM
पावरकॉम के चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरैक्टर वेणु प्रसाद ने कहा कि पंजाब के 85 लाख बिजली उपभोक्ताओं की हर प्रकार की समस्याओं का निवारण
लुधियाना(बहल): पावरकॉम के चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरैक्टर वेणु प्रसाद ने कहा कि पंजाब के 85 लाख बिजली उपभोक्ताओं की हर प्रकार की समस्याओं का निवारण करने के लिए आगामी 1 वर्ष में पूरा सिस्टम ऑनलाइन सुविधा से लैस होगा। पंजाब पावर सरप्लस स्टेट है। यहां मौजूदा 13650 मैगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है और पिछले साल पीक लोड के साथ पावरकॉम ने 11650 मैगावाट का लक्ष्य हासिल किया था। बिजली इंडस्ट्री का मुख्य रॉ मैटीरियल है और पंजाब सरकार द्वारा 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली मुहैया करवाने के वायदे को पूरा करने के पूरे यत्न जारी हैं।
इसी रेट पर इंडस्ट्री को बिजली सप्लाई करना मुश्किल
अपैक्स चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री पंजाब के प्रधान पी.डी. शर्मा के निमंत्रण पर लुधियाना के उद्योगपतियों को बिजली संबंधी पेश आ रही समस्याओं पर चर्चा करने के लिए पहुंचे वेणु प्रसाद ने कहा कि पंजाब में प्राकृतिक संसाधनों के अभाव और झारखंड की भांति कोयले की खदानों के किनारे प्रोपर प्लांट न होने के कारण 15 फीसदी टी. एंड डी. लॉस, मुलाजिमों के खर्चे, कोयले की 1000 रुपए प्रति टन के भाड़े और 2000 रुपए टन के प्रोसैसिंग खर्चों के कारण 5 से साढ़े 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली पावरकॉम को कास्ट करती है और इसी रेट पर इंडस्ट्री को बिजली सप्लाई करना बेहद मुश्किल काम है।वेणु प्रसाद ने कहा कि पंजाब के बजट सैशन के बाद मुख्यमंत्री सस्ती बिजली देने के बारे फैसला लेंगे।
फीडर ब्रेक डाऊन से इंडस्ट्री परेशान
सस्ती बिजली उपलब्ध करवाने की कवायद में पावरकॉम ने कई राज्यों के साथ द्विपक्षीय एग्रीमैंट भी किए हैं। पावरकॉम के एम.डी. वेणु प्रसाद ने कहा कि अब नए बिजली कनैक्शन के लिए एन.ओ.सी. और सी.एल.यू. की शर्तें खत्म कर दी गई हैं। अपैक्स चैम्बर के प्रधान पी.डी. शर्मा, रमेश गोयल और रजनीश आहूजा ने चेयरमैन पावरकॉम का अभिनंदन करने के साथ ही उन्हें इंडस्ट्री को पेश आ रही समस्याओं संबंधी ज्ञापन भी दिया। फोकल प्वाइंट संघ के प्रधान एवं उद्योगपति ओ.पी. बस्सी ने चेयरमैन के समक्ष बिजली विभाग से पेश आ रही समस्याओं का पुलिंदा पेश करते हुए कहा कि फोकल प्वाइंट में फीडर ब्रेक डाऊन की भारी समस्या से इंडस्ट्री परेशान है। विभाग में स्टाफ की भारी कमी के कारण समय पर कम्प्लेंट अटैंड न होने से भारी नुक्सान उद्योगों को उठाना पड़ रहा है। बस्सी ने पावरकॉम के मई 2014 के सर्कुलर में इंडक्शन हीटिंग फर्नेसों के लिए बने नियमों की आड़ में लघु उद्योगों को 10 लाख रुपए तक के जुर्माने का मुद्दा उठाया।
लघु उद्योगों पर भारी वित्तीय संकट
उन्होंने कहा कि एम.एस. और एल.एस. उपभोक्ताओं के लिए अलग कॉर्पोरेट सैल गठित किया जाए। नॉर्थ इंडिया फर्नेस संघ के प्रधान के.के. गर्ग ने कहा कि 20 फीडरों के पीछे बिजली विभाग का 1 जे.ई. तैनात है। ऐसे में इंडस्ट्री की परेशानी हल होना असंभव है। गर्ग ने सी.बी.सी. सैल में भारी सुधार करने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि विभाग द्वारा ज् यादा बिजली इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को पावर फैैक्टर का लाभ देने के प्रावधान को दरकिनार करके सी.बी.सी. सैल रिफंड जारी नहीं कर रहा है। मशीन टूल संघ के प्रधान कुलवंत सिंह ने कृषि क्षेत्र के बड़े किसानों को मुफ्त बिजली देने पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि लघु उद्योगों पर भारी वित्तीय संकट है। जनता नगर संघ के प्रधान जसविंद्र ठुकराल ने कहा कि मिक्स लैंड यूज इलाकों में तंग गलियों में ट्रांसफार्मर लगाने के लिए केबल 250 मीटर से बढ़ाकर 350 मीटर करने का प्रावधान किया जाएगा। ठुकराल ने चेयरमैन के समक्ष इंफोर्समैंट विभाग के एक एक्सियन द्वारा इंडस्ट्री को परेशान करने का मुद्दा भी उठाया।