Edited By Updated: 21 Feb, 2017 02:32 PM
बच्चों के सिलेबस में शामिल किताबों को बदलने और इनके समय पर न पहुंचने की बहस के बाद पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पी. सी. ई. बी ) ने एक बार फिर किताबें बदलने का फैसला किया है।
चंडीगढ़: बच्चों के सिलेबस में शामिल किताबों को बदलने और इनके समय पर न पहुंचने की बहस के बाद पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पी. सी. ई. बी ) ने एक बार फिर किताबें बदलने का फैसला किया है।
वर्ष 2017 -18 के लिए 6वीं से 12वीं कक्षा की 17 किताबों को बोर्ड ने बदल दिया गया है। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि सैंट्रल बोर्ड आफ सैकेंडरी एजुकेशन (सी.बी. एस. ई) की तरफ से किताबों के मापदंड में सुधार करने के लिए नैशनल कौंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड प्रशिक्षण (ऐन्न. सी. ई. आर. टी.) को इन्हें बदलने की सिफारिश की गई थी, जिसके बाद 6वीं, 8वीं, 9वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा की 17 किताबों को बोर्ड द्वारा बदला गया है।
लुधियाना के एक अध्यापक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हर साल बोर्ड की तरफ से किताबें बदलीं जातीं हैं परन्तु यह किताबें अप्रैल तक भी उन्हें नहीं मिलती, जब कि बच्चों की पढ़ाई अप्रैल से शुरू हो जाती है, इस लिए उनके लिए बच्चों को किताबें को बिना पढ़ाना कठिन हो जाता है। उन्होंने कहा कि बोर्ड को चाहिए कि यह किताबें 25 मार्च तक स्कूलों में पहुंच जाएं। बोर्ड के चेयरमैन बलबीर सिंह ढोल ने बताया कि बोर्ड के विद्यार्थियों को सी. बी.एस. ई. के बराबर लाने के लिए हमें समय -समय पर किताबें बदलने की जरूरत पड़ती है। उन्होंने कहा कि इस बात को यकीनी बनाया जाएगा कि बदली हुईं किताबें समय सिर स्कूलों तक पहुंच जाएं।