पंजाब रैवेन्यू ऑफिसर्स एसोसिएशन का सामूहिक अवकाश,बंद रही तहसीलें

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Aug, 2017 12:23 PM

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जालंधर अलॉटमैंट केस में तहसीलदार नवदीप सिंह को विजीलैंस विभाग की तरफ से परेशान किए जाने के मामले में आज पंजाब रैवेन्यू ऑफिसर्स एसोसिएशन के आह्वान पर सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार व जिला माल अफसर 21 अगस्त तक सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं।

अमृतसर (नीरज): जालंधर अलॉटमैंट केस में तहसीलदार नवदीप सिंह को विजीलैंस विभाग की तरफ से परेशान किए जाने के मामले में आज पंजाब रैवेन्यू ऑफिसर्स एसोसिएशन के आह्वान पर सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार व जिला माल अफसर 21 अगस्त तक सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं।

 

रैवेन्यू अफसरों की हड़ताल का असर तहसीलों व सब-तहसीलों में भी देखने को मिला और सभी रजिस्ट्री दफ्तर बंद रहे, जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, जिन लोगों ने शुक्रवार के दिन अपनी जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री करवानी थी, उनको अगली तारीख लेनी पड़ी। 


अमृतसर तहसील की बात करें तो तहसीलदार जे.पी. सलवान, तहसीलदार मनिन्द्र सिंह सिद्धू, नायब तहसीलदार लखविन्द्र स्ंिाह गिल, नायब तहसीलदार अर्चना शर्मा, नायब तहसीलदार जकशीर, नायब तहसीलदार सुखराज सिंह संधू, जिला माल अफसर मुकेश शर्मा छुट्टी पर चले गए और किसी प्रकार का काम नहीं किया। इतना ही नहीं, एसोसिएशन ने यह भी ऐलान किया है कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 21 अगस्त के बाद सभी रैवेन्यू अफसर अनिश्चितकाल के लिए कलम छोड़ हड़ताल पर चले जाएंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी पंजाब सरकार की होगी।

 

पी.सी.एस. एसो. ने रैवेन्यू ऑफिसर्स एसो. को दिया समर्थन
रैवेन्यू ऑफिसर्स एसोसिएशन द्वारा पूरे राज्य में की जा रही हड़ताल को पी.सी.एस. एसोसिएशन ने भी समर्थन दे दिया है। पी.सी.एस. एसोसिएशन के वरिष्ठ पदाधिकारी एस.डी.एम. राजेश शर्मा (पी.सी.एस.) ने कहा कि एसो. इस मांग से सहमत है कि किसी भी रैवेन्यू अफसर के खिलाफ यदि कोई शिकायत मिलती है तो सबसे पहले विभागीय कार्रवाई या जांच होनी चाहिए, क्योंकि विभागीय जांच में ही वरिष्ठ अधिकारियों के पास रैवेन्यू अफसर के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने का अधिकार है, इसलिए किसी दूसरे विभाग से जांच करवाने की बजाय पहले विभागीय जांच होनी चाहिए।


एक मामले में 15 वर्ष के इंतकालों का विजीलैंस ने मांगा रिकार्ड
तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों व पटवारियों पर विजीलैंस विभाग की नजर-ए-इनायत कुछ ज्यादा ही रहती है। एक जिले में तो विजीलैंस विभाग के एक अधिकारी ने 15 वर्षों के इंतकालों का रिकार्ड ही मांग लिया है, इसके अलावा जो तहसीलदार व नायब तहसीलदार इन इंतकालों के दौरान तैनात रहे हैं, उनकी सूची भी मांगी गई है क्योंकि विभाग ने एक पटवारी को पकड़ा है। पटवारी का आरोप है कि वह इंतकाल दर्ज करने के एवज में तहसीलदार व नायब तहसीलदार को रुपए देता था, जिसके बयान पर संबंधित विजीलैंस अधिकारी ने 15 वर्षों का रिकार्ड ही मांग लिया है। हालांकि विजीलैंस विभाग की तरफ से रैवेन्यू अधिकारियों व पटवारियों के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों में ज्यादातर केसों में आरोपी बरी हो जाता है।

 

रैवेन्यू अफसरों के खिलाफ पहले विभागीय जांच हो यह है मुख्य मांग
रैवेन्यू अफसरों जिसमें तहसीलदार, नायब तहसीलदार व डी.आर.ओ. सहित अन्य अधिकारियों की हड़ताल में सबसे मुख्य मांग यही की जा रही है कि यदि किसी रैवेन्यू अफसर के खिलाफ किसी प्रकार की शिकायत मिलती है तो विजीलैंस विभाग या फिर पुलिस को जांच देने के बजाय रैवेन्यू विभाग से इसकी जांच करवाई जाए, क्योंकि रैवेन्यू से संबंधित जो काम तहसीलदार व अन्य रैवेन्यू अधिकारी करते हैं, उसकी समझ किसी विजीलैंस अधिकारी या पुलिस अधिकारी को नहीं होती है। रैवेन्यू अफसर यदि किसी प्रकार की गलती करता है तो उसके विभाग में ही डी.सी., कमिश्नर डिवीजनल, एफ.सी.आर. जांच कर सकते हैं और दोषी पाए जाने पर रैवेन्यू अफसर को सस्पैंड या फिर नौकरी से डिसमिस भी कर सकते हैं, इसलिए किसी प्रकार का पर्चा दर्ज करने से पहले विभागीय जांच की जानी चाहिए, उसके बाद ही अन्य किसी विभाग को जांच सौंपनी चाहिए। बताते चलें कि रैवेन्यू पटवार यूनियन की भी पंजाब सरकार से यही मांग है, क्योंकि जमीन-जायदाद की धोखाधड़ी के मामले में जहां फ्रॉड करने वालों के खिलाफ पर्चा दर्ज किया जाता है, वहीं पटवारी के खिलाफ भी पर्चा दर्ज हो जाता है। पटवारी भी यहीं मांग कर रहे हैं कि उनके खिलाफ पर्चा दर्ज करने से पहले विभागीय जांच करवाई जाए क्योंकि पुलिस को रैवेन्यू के काम का कोई ज्ञान नहीं होता है।


रैवेन्यू अफसरों को विजीलैंस विभाग की तरफ से परेशान किया जा रहा है। जालंधर अलॉटमैंट केस में तहसीलदार नवदीप स्ंिाह को एक अखबार की न्यूज कटिंग काहवाला देकर विजीलैंस विभाग परेशान कर रहा है। इस प्रकार के मामले अन्य जिलों में भी देखने को मिल रहे हैं। किसी भी तहसीलदार, नायब तहसीलदार या अन्य रैवेन्यू अफसर के खिलाफ डी.सी, डिवीजनल कमिश्नर व एफ.सी.आर. के पास जांच करने के सभी अधिकार हैं, जिसमें अधिकारी को सस्पैंड करने से लेकर डिसमिस तक करने का अधिकार है। इन हालात में विजीलैंस विभाग सीधा किसी रैवेन्यू अफसर को परेशान क्यों कर रहा है। विजीलैंस विभाग की धक्केशाही को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।        

                                                                                                                                                                                                                                           -गुरदेव सिंह धम्म, प्रांतीय अध्यक्ष द रैवेन्यू ऑफिसर्स एसोसिएशन पंजाब।

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