भविष्य में स्मॉग जैसे हालात पैदा न हों

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Dec, 2017 11:50 AM

punjab pollution control board

भविष्य में लुधियाना समेत पंजाब भर में स्मॉग जैसे हालात पैदा न हों, इसके लिए भट्ठा मालिकों ने भी पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की उस प्रपोजल को स्वीकार कर लिया, जिसमें अक्तूबर महीने से लेकर जनवरी महीने तक भट्ठे बंद रखने को कहा गया है। आज यहां पंजाब...

लुधियाना(सलूजा, खुराना): भविष्य में लुधियाना समेत पंजाब भर में स्मॉग जैसे हालात पैदा न हों, इसके लिए भट्ठा मालिकों ने भी पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की उस प्रपोजल को स्वीकार कर लिया, जिसमें अक्तूबर महीने से लेकर जनवरी महीने तक भट्ठे बंद रखने को कहा गया है। आज यहां पंजाब भट्ठा मालिक एसो. की अहम मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए चेयरमैन दविंद्र राजदेव, उप-चेयरमैन अशोक मित्तल, प्रधान कुलदीप सिंह मक्कड़, उप-प्रधान विशाल सोनी, नरिंद्र बांसल, महासचिव सुरिंद्र कुमार सिंगला, खजांची रविंद्र कुमार गोयल, जिला लुधियाना के प्रधान रमेश मोही व महासचिव प्रवीण कुमार जिंदल ने स्पष्ट किया कि अब एक वर्ष के दौरान सरकार की इस नई नीति के तहत चार महीने भट्ठे बंद रहेंगे। वे प्रदूषण के मामले के प्रति गंभीर हैं और सरकार को हर संभव सहयोग देने को तैयार हैं। 

नई टैक्नोलॉजी से विकसित होने लगे भट्ठे
पंजाब भर में अब भट्ठा मालिक दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए नई टैक्नोलॉजी हाई ड्राफ्ट, सैमी ड्राफ्ट और फुली ड्राफ्ट को अपनाने लगे हैं। इन भट्ठों की स्थापना पर 10 से 50 लाख रुपए तक का खर्चा आता है। 

टैक्नोलॉजी के क्या हैं फायदे
एसो. के प्रधान कुलदीप सिंह मक्कड़, जिला लुधियाना के प्रधान रमेश मोही व महासचिव प्रवीण कुमार जिंदल ने बताया कि इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा तो यह होता है कि लकड़ी व कोयले की खपत में कमी आ जाती है। इससे भट्ठा मालिक को आर्थिक तौर पर काफी फायदा मिलेगा। वायु प्रदूषण की समस्या पर काफी हद तक कंट्रोल हो जाता है। ईंटों की क्वालिटी व उत्पाद में बढ़ौतरी होना यकीनी है। ईंटों की कीमतों में आ सकता है उछाल: आज की इस मीटिंग में आने वाले महीनों के दौरान ईंटों की कीमतों में इजाफा होने के संकेत मिले हैं। इसकी वजह प्रमुख तौर पर यही मानी जा रही है कि एक तो नई टैक्नोलॉजी को अपनाने पर भट्ठा मालिक को भारी कीमत अदा करनी पड़ रही है और दूसरा सरकार के प्रदूषण कंट्रोल विभाग की नई पालिसी के मुताबिक एक वर्ष के दौरान लगातार 4 महीनों तक भट्ठों को बंद रखना पड़ेगा। 

कै प्टन को भेजा मांग पत्र
एसो. की तरफ से पंजाब के मुख्यमंत्री कै प्टन अमरेन्द्र सिंह को एक मांग पत्र भेज कर इस बात से अवगत करवाने का भी प्रयास किया गया कि इस समय पंजाब में 3000 के लगभग भट्ठा हैं। जोकि पिछली अकाली-भाजपा सरकार की भट्ठा उद्योग विरोधी नीतियों के कारण बंद होने के कगार पर पहुंच चुके हैं। इसलिए इस उद्योग को बचाने के लिए सरकार ऐसी नीतियों को अमल में लाए, जिससे यह कारोबार प्रगति के रास्ते पर आगे चल सके। सरकार की तरफ से एसो. को हर संभव सहयोग देने का भरोसा दिलाया गया है।

कौन -कौन हुए शामिल
 इस मीटिंग में चेयरमैन के.के. खंडूजा, संरक्षक पी.एस. संधू, कृष्ण के. वासल, वरिष्ठ उप-प्रधान एच.एस. सेखों, सलाहकार जसबीर सिंह, अमरजीत सिंह सैनी, इंद्रजीत वर्मा, राकेश नंदा, कानूनी सलाहकार लखवीर सिंह संधू व मनजिंद्र सिंह आदि शामिल हुए। 

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