Edited By Updated: 22 May, 2017 04:46 PM
शहरों की दशा को सुधारने के उद्देश्य से पंजाब सरकार ने अब राज्य में 163 छोटे व बड़े शहरों के लिए मास्टर प्लान बनाने का निर्णय लिया है। पंजाब रिजनल टाऊन प्लानिंग डिवैल्पमैंट एक्ट 1995 के तहत मास्टर प्लान बनाना अनिवार्य होगा। सरकारी हलकों ने बताया कि...
जालन्धर (धवन): शहरों की दशा को सुधारने के उद्देश्य से पंजाब सरकार ने अब राज्य में 163 छोटे व बड़े शहरों के लिए मास्टर प्लान बनाने का निर्णय लिया है। पंजाब रिजनल टाऊन प्लानिंग डिवैल्पमैंट एक्ट 1995 के तहत मास्टर प्लान बनाना अनिवार्य होगा। सरकारी हलकों ने बताया कि इन शहरों के लिए मास्टर प्लान बनाने का कार्य हाऊसिंग व अर्बन डिवैल्पमैंट विभाग की देखरेख में किया जाएगा। विभाग ने अभी तक केवल 71 शहरों के लिए 43 मास्टर प्लान को ही हरी झंडी दी है।
अन्य 16 शहरों के लिए मास्टर प्लान बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। मास्टर प्लान को सरकार ने राजस्व आधारित बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने पिछले दिनों हाऊसिंग विभाग के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की थी। इसमें यह तय हुआ कि शहरों का मास्टर प्लान के तहत ही विकास किया जाना चाहिए। कैप्टन इस बात को लेकर गंभीर हैं कि एक तो योजनाबद्ध ढंग से विकास करने के मार्ग में आने वाली भ्रष्टाचार रूपी रुकावटों को दूर किया जाए।
हाऊसिंग विभाग द्वारा संबंधित एप्स पर मास्टर प्लान को लाया जाएगा। इससे संबंधित भूमि की पहचान करने, भूमि उपयोग के बारे में जानकारी देने तथा सी.एल.यू. प्राप्त करने में आसानी होगी। मास्टर प्लान के तहत स्थानीय क्षेत्र का योजनाबद्ध ढंग से विकास किया जाना शामिल है। संबंधित शहरों के मास्टर प्लान के तहत ई.एल.यू. नक्शे बनाने की तरफ ध्यान दिया जा रहा है। मास्टर प्लान के तहत विभिन्न सरकारी विभागों को एक-दूसरे के साथ जोडऩे की योजना बनाई गई है। इससे एक तो विभिन्न सरकारी विभागों के चक्कर लोगों को काटने नहीं पड़ेंगे तथा साथ ही सिंगल विंडो सिस्टम को बढ़ावा दिया जाएगा।
सरकारी हलकों ने बताया कि विकास को प्रभावित करने वाले विभिन्न पक्षों जैसे सरकारी नीतियों, जनसंख्या के घनत्व, स्पैशल इक्नॉमिक जोन्स, कैन्टोनमैंट्स, वाटर बॉडीज, प्रस्तावित भूमि उपयोग योजना को भी ध्यान में रखा जाएगा। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न भूमि उपयोगों की सुनियोजित योजना तैयार की जाएगी। वास्तव में नई सरकार द्वारा अब सभी शहरों के मास्टर प्लान बनाने की तरफ ध्यान देने का निर्णय लिया गया है ताकि अनियोजित ढंग से हो रहे विकास पर रोक लगाई जा सके।