पंजाब के लोगों ने छोड़ी मक्की की रोटी-सरसों का साग

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Aug, 2017 02:45 PM

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किसानों को फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य न मिलने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि पंजाब के लोगों ने मक्की की रोटी और सरसों का साग खाना छोड़ दिया है।

चंडीगढ़ः किसानों को फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य न मिलने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि पंजाब के लोगों ने मक्की की रोटी और सरसों का साग खाना छोड़ दिया है। यह बात कोई और नहीं बल्कि पंजाब सरकार कह रही है। 


हाईकोर्ट में पंजाब सरकार ने कहा कि पंजाब में मक्की की खपत नहीं है, इसलिए मक्की की खरीद नहीं कर सकते। हाईकोर्ट ने इस पर पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि पहले मक्की लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और बाद में इसकी खरीद से इनकार कर दिया जाता है। क्यों नहीं घोषणा कर किसानों को बता दिया जाता है कि अपने खेतों में मक्की न उगाएं।

 

मामले की सुनवाई आरंभ होते ही हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से सूरजमुखी की खरीद पर जवाब मांगा। पंजाब सरकार ने बताया कि उन्होंने अगले वर्ष से खरीद के लिए पूरा शेड्यूल तैयार कर लिया है। इसकी प्रक्रिया 30 अप्रैल से आरंभ हो जाएगी। हाईकोर्ट में यह जानकारी जिस दस्तावेज पर सौंपी गई, उस पर हस्ताक्षर न होने के कारण हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई पर पंजाब सरकार के कृषि सचिव को हलफनामे के माध्यम से यह जानकारी सौंपने के आदेश दिए। वहीं, हरियाणा सरकार ने बताया कि उसे केंद्र से अभी 25 प्रतिशत सूरजमुखी की खरीद की मंजूरी है। इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है और उनकी मंजूरी का इंतजार है। 
 

इस पर केंद्र सरकार की ओर से मौजूद काऊंसिल ने कहा कि जल्द ही मंजूरी दे दी जाएगी। इस दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान कृषि मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी ने कहा था कि खरीद को लेकर कोई पाबंदी नहीं है और 100 प्रतिशत खरीद की जा सकती है। हाईकोर्ट ने इस पर हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार को अगली सुनवाई पर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं।

 
 

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