Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Nov, 2017 09:47 AM
पंजाब ने मिड डे मील ग्रांट का बकाया पैसा रिलीज करने का मामला केन्द्र सरकार के सामने उठाया है। केन्द्र ने मिड डे मील की ग्रांटों का पैसा पिछले कई महीनों से रोका हुआ है, जिस कारण राज्य सरकार को स्कूली बच्चों के लिए मिड डे मील योजना चलाने में मुश्किलों...
जालंधर (धवन): पंजाब ने मिड डे मील ग्रांट का बकाया पैसा रिलीज करने का मामला केन्द्र सरकार के सामने उठाया है। केन्द्र ने मिड डे मील की ग्रांटों का पैसा पिछले कई महीनों से रोका हुआ है, जिस कारण राज्य सरकार को स्कूली बच्चों के लिए मिड डे मील योजना चलाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूली विद्यार्थी यह समझ रहे हैं कि राज्य सरकार फंड नहीं दे रही, जबकि वास्तविकता यह है कि केन्द्र से ही ग्रांट का पैसा नहीं आ रहा है।
2017-18 के लिए केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पंजाब के लिए 165 करोड़ रुपए को मंजूरी प्रदान की थी। अभी तक चालू वित्त वर्ष के दौरान पहले 6 महीनों में 40.17 करोड़ रुपए की राशि ही रिलीज हो सकी है। सरकारी हलकों से पता चला है कि शिक्षा विभाग ने इस मामले पर मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह के साथ बातचीत की थी, जिन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे तुरन्त केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ इस मामले को लेकर बातचीत करें। इस स्कीम में केन्द्र सरकार का योगदान 60 प्रतिशत तथा राज्य सरकार का योगदान 40 प्रतिशत होता है।
राज्य सरकार ने अपनी पहली किस्त 1 मई को रिलीज कर दी थी, जिसके तहत 25 प्रतिशत राशि दी गई थी। दूसरी किस्त जुलाई महीने में रिलीज की गई, जिसके तहत 35 प्रतिशत का योगदान राज्य सरकार ने डाला। परन्तु केन्द्र अपनी किस्तें मिड डे मील के लिए बहुत धीमी रफ्तार से जारी कर रहा है। ग्रांटों को रिलीज करने के हिसाब से अगर देखा जाए तो पंजाब को केन्द्र सरकार की ओर से 2017-18 के दौरान अभी तक केवल 25 प्रतिशत केन्द्रीय ग्रांट मिड डे मील के लिए प्राप्त हुई है। शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों का कहना है कि अन्य राज्यों को केन्द्र ने मिड डे मील के लिए 60 प्रतिशत तक हिस्सा रिलीज कर दिया है।