महिलाओं पर अत्याचार के मामलों में पंजाब 24वें स्थान पर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Dec, 2017 01:26 AM

punjab is ranked 24th in cases of atrocities against women

पंजाब में महिला उत्पीडऩ के कई मामले लगातार सामने आने कारण बेशक यहां महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा एक बड़ा चिंताजनक विषय बना हुआ है दूसरी तरफ अगर पंजाब में पिछले 3 वर्षों में महिला उत्पीडऩ के सारे मामलों को देखा जाए तो पंजाब में महिलाओं पर अत्याचार,...

गुरदासपुर(हरमनप्रीत): पंजाब में महिला उत्पीडऩ के कई मामले लगातार सामने आने कारण बेशक यहां महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा एक बड़ा चिंताजनक विषय बना हुआ है दूसरी तरफ अगर पंजाब में पिछले 3 वर्षों में महिला उत्पीडऩ के सारे मामलों को देखा जाए तो पंजाब में महिलाओं पर अत्याचार, अपहरण, दुष्कर्म जैसे मामलों में कुछ गिरावट आई है जबकि हरियाणा में महिलाओं पर अत्याचार और दुष्कर्म के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। 

इस मामले में यह बात भी सामने आई है कि अलग-अलग मामलों में नामजद किए गए बहुत कम आरोपी सजा के भागीदार बनते हैं, जबकि बहुसंख्या में आरोपी आसानी से बच निकलते हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की तरफ से पिछले वर्ष के आखिर तक के पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक पंजाब में 2016 में महिला उत्पीडऩ से जुड़े लगभग 5,105 मामले दर्ज किए गए थे जो पिछले वर्ष के मुकाबले कम थे। इस आधार पर पंजाब देशभर में महिलाओं पर अत्याचार के मामले में 24वें स्थान पर है जबकि दूसरी तरफ हरियाणा में पिछले वर्ष ऐसे 9,839 मामले दर्ज होने कारण हरियाणा पूरे देश में 6वें स्थान पर पहुंच गया है। 

पंजाब में कम हुई दुष्कर्म मामलों की संख्या 
ब्यूरो की रिपोर्ट मुताबिक पंजाब में दुष्कर्म के मामले कुछ कम हुए हैं जबकि हरियाणा में इनकी संख्या में विस्तार हुआ है। पंजाब में 2016 में 838 मामले सामने आए थे जबकि 2015 में इनकी संख्या 886 थी। दूसरी तरफ हरियाणा में 2015 में दुष्कर्म के सामने आए कुल 1,070 मामलों के मुकाबले पिछले वर्ष इनकी संख्या 1,187 तक पहुंच गई। इसी तरह सामूहिक दुष्कर्म के मामलों की संख्या में भी विस्तार हुआ है। इसके अंतर्गत हरियाणा में 2015 में इनकी संख्या लगभग 104 थी जो पिछले वर्ष 2016 में बढ़कर 191 तक पहुंच गई। यदि 12 वर्षों से छोटी बच्चियों से दुष्कर्म की बात की जाए तो हरियाणा में 2016 दौरान ऐसी करीब 85 बच्चियां दुष्कर्म की शिकार हुईं जबकि 2015 में इनकी संख्या लगभग 35 थी। पंजाब में 2015 में 12 वर्षों से कम उम्र की लगभग 33 बच्चियां दुष्कर्म की शिकार हुई थीं जबकि 2016 में इनकी संख्या बढ़कर 36 हो गई। 

अपहरण और अत्याचार के मामलों में भी बढ़ौतरी
पिछले वर्ष दौरान पंजाब में अपहरण के लगभग 1,208 मामले सामने आए थे जबकि हरियाणा में अपहरण करने की लगभग 2,697 वारदातें हुईं। इसी तरह पंजाब में 2016 दौरान महिलाओं की पिटाई और हमला करने के लगभग 1,025 मामले दर्ज किए गए थे जबकि हरियाणा में ऐसे मामलों की संख्या 1,860 थी। 

दहेज संबंधी मामलों में भी हरियाणा आगे
महिलाओं को दहेज के कारण परेशान करने के मामलों में भी हरियाणा पंजाब से काफी आगे है। जहां पिछले वर्ष 260 मामले दर्ज किए गए थे वहीं पंजाब में ऐसे मामलों की संख्या सिर्फ 90 थी। इसी तरह पंजाब में अन्य अपराधों के पिछले वर्ष 111 मामले दर्ज हुए जबकि हरियाणा के थानों में 321 केस दर्ज किए गए। 

सिर्फ 19 प्रतिशत दोषियों को ही मिली सजा
ब्यूरो की रिपोर्ट मुताबिक पिछले वर्ष देश भर में महिलाओं पर होने वाले अपराधों से संबंधित सिर्फ  19 प्रतिशत मामलों में नामजद दोषियों को सजा मिल सकी थी जबकि बाकी के दोषी सबूतों की कमी के कारण बच निकले। पिछले वर्ष 21.7 प्रतिशत दोषियों को सजा दी गई। पंजाब में पिछले वर्ष दौरान करीब 24.3 प्रतिशत मामलों में सजा हुई जबकि हरियाणा में सिर्फ 13.4 प्रतिशत नामजद दोषी ही सजा के हकदार बनाए जा सके। मिजोरम में यह दर सबसे ज्यादा है जहां कनविक्शन रेट 90.7 प्रतिशत है जबकि इसके बाद मेघालय में 68.2 प्रतिशत और पुड्डुचेरी में 62.5 प्रतिशत के अलावा उत्तर प्रदेश में यह दर सिर्फ 54 प्रतिशत है। दूसरी तरफ पश्चिमी बंगाल में सिर्फ 3.3 प्रतिशत और गुजरात में 3.4 प्रतिशत दोषियों को सजा सुनाई गई।  

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!