Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Dec, 2017 10:50 PM
पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा है कि प्रदेश इस समय अपने इतिहास के सबसे गंभीर आॢथक संकट से गुजर रहा है, जिससे उभरने के लिए अमरेंद्र सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है। मंगलवार को यहां पत्रकारवार्ता में मनप्रीत बादल ने कहा कि इस गहरे वित्तीय...
चंडीगढ़(पराशर): पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा है कि प्रदेश इस समय अपने इतिहास के सबसे गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है, जिससे उभरने के लिए अमरेंद्र सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है।
मंगलवार को यहां पत्रकारवार्ता में मनप्रीत बादल ने कहा कि इस गहरे वित्तीय संकट की मुख्य वजह पिछली अकाली-भाजपा सरकार का राज्य के प्रति गैर-जिम्मेदाराना रवैया है जिसके चलते उसने लगातार बिगड़ती आर्थिक स्थिति के प्रति जानबूझकर आंखें मूंदे रखीं। जब अकाली-भाजपा गठबंधन को यह लगने लगा कि वह पुन: सत्ता में नहीं आ सकेगा तो उसने सब कुछ गिरवी रख दिया।
रूरल डिवैल्पमैंट फंड और मंडी बोर्ड की अगले 5 साल की आय को बैंकों के पास गिरवी रख दिया गया। इतना ही नहीं, पंजाब इंफ्रास्ट्रक्चर डिवैल्पमैंट बोर्ड की भी आय को इसी प्रकार गिरवी रख दिया गया। वहीं फूड अकाऊंट के 31,000 करोड़ रुपए के घाटे को ऋण में तबदील कर दिया गया। इसके चलते अब नई सरकार को प्रतिमाह 270 करोड़ रुपए की किस्त बैंकों को देनी पड़ती है। यह 3200 करोड़ रुपए प्रति वर्ष का बोझ बड़ी आसानी से टाला जा सकता था।
स्थिति को संभालने के लिए मीडियम टर्म फिस्कल मैनेजमैंट प्लान तैयार
वित्त मंत्री ने कहा कि इस सबके बावजूद राज्य सरकार ने स्थिति का मुकाबला करने के लिए एक मीडियम टर्म फिस्कल मैनेजमैंट प्लान तैयार किया है। इसको अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया गया है। इस प्लान के तहत लगभग सभी विभागों में खर्चे पर 10 प्रतिशत कट लगा दिया गया है। उन्होंने घोषणा की कि अगले वर्ष मार्च में जब वह 2017-18 का वार्षिक बजट पेश करेंगे तो सारे देश में सबसे अधिक कोस्ट कटिंग व राजस्व में वृद्धि पंजाब में दर्ज की जाएगी।
जी.एस.टी. अच्छा टैक्स
एक प्रश्न के उत्तर में मनप्रीत बादल ने कहा कि जी.एस.टी. एक अच्छा टैक्स है, इसके अच्छे परिणाम आने शुरू हो गए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि पंजाब को केंद्र से जी.एस.टी. में अपना हिस्सा मिलना शुरू हो गया है। राज्य सरकार कर्मचारियों के वेतन, पैंशन तथा कर्जों की किस्तों का भुगतान लगातार कर रही है।
कृषि क्षेत्र को बिजली सबसिडी बंद नहीं होगी
एक प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र को दी जाने वाली प्रति वर्ष लगभग 6000 करोड़ रुपए की बिजली सबसिडी किसी भी हालत में बंद नहीं करेगी।