24 आवर फार्मेसी का लाइसैंस हुआ रद्द

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Nov, 2017 10:57 AM

punjab institute of medical sciences

पंजाब इंस्टीच्यूट ऑफ मैडीकल साइंसिज (पिम्स) और 24 आवर फार्मेसी के बीच चल रहे विवाद में गुरुवार को उस समय नया मोड़ आया जब सेहत विभाग की तरफ से जोनल ड्रग अथॉरिटी ने 24 आवर फार्मेसी का लाइसैंस रद्द कर दिया। जानकारी के अनुसार पिम्स की तरफ से फार्मेसी के...

जालंधर(अमित): पंजाब इंस्टीच्यूट ऑफ मैडीकल साइंसिज (पिम्स) और 24 आवर फार्मेसी के बीच चल रहे विवाद में गुरुवार को उस समय नया मोड़ आया जब सेहत विभाग की तरफ से जोनल ड्रग अथॉरिटी ने 24 आवर फार्मेसी का लाइसैंस रद्द कर दिया। जानकारी के अनुसार पिम्स की तरफ से फार्मेसी के खिलाफ शिकायत दी गई थी, जिस पर कार्रवाई करते हुए ड्रग विभाग ने उक्त कदम उठाया है। विभाग का आदेश मिलते ही फार्मेसी वालों ने अपना कामकाज बंद कर दिया और गुरुवार को सारा दिन फार्मेसी बंद रही। इस मामले में जब 24 आवर फार्मेसी की हरप्रीत सिंह संधू को फोन किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया, जिससे उनका पक्ष प्राप्त नहीं हो सका।

क्या है मामला, क्यों चल रहा था दोनों के बीच विवाद
हरियाणा से संबंध रखने वाले नवाब सिंह ने साल 2011 में पिम्स के अंदर फार्मेसी शॉप चलाना शुरू की थी। फार्मेसी वालों का कहना है कि जब उन्होंने पिम्स के अंदर फार्मेसी खोली थी उनका कोई लिखित एग्रीमैंट नहीं हुआ था । पिम्स प्रबंधन की तरफ से उन्हें पूरी जिंदगी यहां फार्मेसी चलाने को कहा गया था। पिम्स की तरफ से उनको यहां किसी अन्य को फार्मेसी न खोलने देने का आश्वासन भी दिया गया था। मगर कुछ साल पहले पिम्स ने पहली मंजिल पर एक अन्य फार्मेसी खुलवा दी, जिसके बाद फार्मेसी और पिम्स के बीच विवाद बढ़ता चला गया। पिम्स प्रबंधन का इस मामले में कहना था कि फार्मेसी ने कुछ सालों से किराया नहीं दिया है। बार-बार मांगने पर भी जब उन्होंने किराया नहीं दिया तो लीगल नोटिस जारी कर 26 जनवरी, 2017 तक जगह खाली करने के लिए कहा गया। मगर फार्मेसी की तरफ से न तो किराया दिया गया और न जगह खाली की गई, उल्टा उनकी जगह पर जबरदस्ती कब्जा कर लिया गया था, जिसकी वजह से दोनों के बीच मामला अदालत तक पहुंच चुका है। 
 

बैस्ट हैल्थकेयर पर बढ़ी भीड़, कुछ दवाइयां न मिलने की चर्चा
24 आवर फार्मेसी बंद होने से पिम्स के अंदर दवाइयां लेने के लिए मरीजों व उनके परिजनों के पास केवल बैस्ट हैल्थकेयर फार्मेसी से ही दवाइयां लेने का विकल्प शेष बचा है, जिसके चलते गुरुवार को बैस्ट हैल्थकेयर पर काफी भीड़ देखने को मिली। इसी बीच कुछ मरीजों ने सारी दवाइयां न मिलने की भी बात कही। मगर इसको लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी। 

एक ई-मेल के आधार पर की थी विभाग के पास शिकायत : अमित सिंह
पिम्स के रैजीडैंट डायरैक्टर अमित सिंह का कहना है कि उनके पास एक गुमनाम ई-मेल आई थी, जिसके आधार पर उनकी तरफ से विभाग के पास एक शिकायत दर्ज करवाई गई थी। शायद विभाग ने उसको लेकर ही उक्त कार्रवाई की है। जहां तक जगह खाली करवाने का मामला है उसका और इस शिकायत का आपस में सीधे तौर पर कोई कनैक्शन नहीं है।
 

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