Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Feb, 2018 08:59 AM
लुधियाना नगर निगम वार्डों को चुनौती देने के मामले में सोमवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।
चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): लुधियाना नगर निगम वार्डों को चुनौती देने के मामले में सोमवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान डायरैक्टर लोकल गवर्नमैंट पंजाब ने मामले में सरकार की ओर से जवाब पेश किया। जवाब में कहा गया कि लुधियाना नगर निगम के चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसे में अब इस प्रक्रिया पर चुनावी याचिका के अलावा किसी प्रकार का सवाल नहीं उठाया जा सकता। यह जवाब अनीता खरबंदा व अन्यों की याचिका पर दिया गया।
वहीं मामले में विधायक बैंस बंधुओं की याचिका भी दायर है। सरकार ने जवाब में कहा कि हदबंदी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और चुनावों के लिए नोटीफिकेशन भी जारी हो चुकी है। ऐसे में इस स्तर पर चुनावों को चुनौती नहीं दी जा सकती। चुनावों की नोटीफिकेशन में राज्य चुनाव आयोग को आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रार्थना की गई है। साथ ही कहा गया कि प्रभावित लोगों से ड्राफ्ट हदबंदी नोटीफिकेशन के बाद आपत्तियां व सुझाव मांगे गए थे।
आरक्षित श्रेणी की जनसंख्या के हिसाब से वार्ड रिजर्व किए गए हैं। जवाब में कहा गया कि दायर याचिका में भौतिक तथ्य नहीं बताए गए हैं। ऐसे में याचिका को रद्द किया जाना चाहिए। वहीं सुनवाई दौरान बैंस बंधुओं ने एक अर्जी भी अपनी मुख्य याचिका में दायर की जिसमें कहा गया कि वार्डों की हदबंदी करते हुए जनसंख्या संबंधी अनियमितताएं बरती गईं। याची पक्ष की काऊंसिल ने दावा किया कि लोकल गवर्नमैंट डिपार्टमैंट द्वारा जारी अंतिम वोटर सूची में कुछ वार्डों में जनसंख्या से ज्यादा वोटर्स हैं। वार्डों की हदबंदी को दायर अर्जी में डिलिमिटेशन ऑफ वाडर््स ऑफ म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑर्डर के क्लॉज 6-ई की उल्लंघना बताया गया है। हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने मामले में बहस के लिए अगली सुनवाई 9 फरवरी तय की है।