Edited By Updated: 26 Apr, 2017 12:21 PM
फरीदकोट रियासत के आखिरी महाराजा हरिन्द्र सिंह बराड़ की रियासत की 636 एकड़ (5090 कनाल) जमीन का स्वामित्व पंजाब सरकार के हाथों में देने के आदेशों पर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। यह जमीन फरीदकोट व कोटकपूरा शहर के मध्य नैशनल हाईवे पर स्थित...
फरीदकोट(हाली): फरीदकोट रियासत के आखिरी महाराजा हरिन्द्र सिंह बराड़ की रियासत की 636 एकड़ (5090 कनाल) जमीन का स्वामित्व पंजाब सरकार के हाथों में देने के आदेशों पर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। यह जमीन फरीदकोट व कोटकपूरा शहर के मध्य नैशनल हाईवे पर स्थित है। इसकी मौजूदा कीमत करीब 1000 करोड़ रुपए से ऊपर है। बता दें कि मार्च में कलैक्टर-कम-डिप्टी कमिश्नर फरीदकोट ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट की हिदायतों के बाद 636 एकड़ जमीन को पंजाब सरकार के स्वामित्व में देने का ऐलान किया था।
उल्लेखनीय है कि 1949 में रियासतें खत्म होने के बाद नारायणगढ़ की 636 एकड़ जमीन की मालिक पैप्सू सरकार बन गई थी परंतु इस जमीन में फरीदकोट रियासत के एक मुकाारा नरिन्द्र सिंह का कब्जा था । जमीन के कुछ हिस्से का स्वामित्व भी उसके नाम पर था। उसने विभिन्न रजिस्ट्रियों द्वारा यह जमीन आगे बेच दी थी। 1998 में पंजाब सरकार ने इस जमीन को अपने स्वामित्व में लेने का प्रयास किया था परंतु इस जमीन पर काबिज प्रणाम सिंह सहित एक दर्जन व्यक्तियों ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में रिट दायर कर पंजाब सरकार की इस कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी।
पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने 9 दिसम्बर 2015 को इस संबंध में एक दर्जन रिट पटीशनों का निपटारा करते हुए फरीदकोट के कलैक्टर को हिदायत की थी कि इस जमीन का इंतकाल करने से पहले इस मामले से संबंधित सभी पक्षों की सुनवाई की जाए। कलैक्टर ने इस मामले में 70 के करीब पक्षों को सुनने के बाद जमीन पर पंजाब सरकार के स्वामित्व का ऐलान कर दिया था। इसके अलावा इस जमीन में आलीशान मैरिज पैलेस व कई घर बने हुए हैं जिनके वजूद को अब खतरा पैदा हो गया है। इस संबंधी जमीनों पर काबिज व घरों में रहने वाले लोगों ने डिप्टी कमिश्नर के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में दोबारा पहुंच की तो कोर्ट ने अगले आदेशों तक डिप्टी कमिश्नर के हुक्म पर अमल करने पर रोक लगा दी है।