Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Nov, 2017 01:30 PM
पंजाब सरकार शराब के कारोबार में सरकारी दखल बढ़ाने को तैयार हो रही है।
चंडीगढ़ः पंजाब सरकार शराब के कारोबार में सरकारी दखल बढ़ाने को तैयार हो रही है। सरकार इसके लिए बाकायदा थोक शराब निगम की स्थापना करेगी। यह कदम महंगी शराब और राजस्व में बढ़ौतरी को लेकर उठाया जाएगा। इसके लिए हरियाणा, राजस्थान, तामिलनाडु व केरल सहित अन्य राज्यों के मॉडल पर भी स्टडी की जा रही है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कैबिनेट सब कमेटी की अध्यक्षता करते हुए शराब के कारोबार में एकाधिकार को खत्म करने और सरकारी खजाने में राजस्व की बढ़ौतरी करने के लिए आबकारी विभाग को शराब के वितरण के लिए थोक शराब निगम स्थापित करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए निर्देश दिए हैं। यह कमेटी वित्तीय स्थिति में नकदी की कमी का नियमित तौर पर समीक्षा करने के लिए गठित की गई थी।
इस समिति के प्रमुख स्वयं मुख्यमंत्री हैं और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा और वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल इसके सदस्य हैं। इस सब -कमेटी को खर्च को घटाने और स्रोतों को जुटाने के लिए संभावनाओं का पता लगाने के लिए कहा गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबे के लिए राजस्व जुटाने के लिए नवीनतम रास्ते तलाशने को विभिन्न विभागों को आगे आना चाहिए क्योंकि गत अकाली-भाजपा सरकार से मौजूदा सरकार को 2 लाख 8 हजार करोड़ रुपए के कर्ज का बोझ विरासत में मिला है। आबकारी विभाग को कहा गया है कि वह आगामी 3 वर्षो में राजस्व जुटाने के लक्ष्य में महत्वपूर्ण विस्तार करे।
बैठक में मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, पंजाब प्रशासकीय सुधार के चेयरमैन केआर लखनपाल, वित्तीय स्रोतों संबंधी सलाहकार वीके गर्ग, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव कर व आबकारी एमपी सिंह, प्रमुख सचिव वित्त अनिरुद्ध तिवाड़ी और कर एवं आबकारी कमिश्नर विवेक प्रताप सिंह शामिल थे।