Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Nov, 2017 10:02 AM
एक ओर पंजाब में कांग्रेस का राज आ चुका है वहीं दूसरी ओर जालंधर के कांग्रेस भवन के कब्जों का मामला एक बार फिर गर्मा गया है। राजेन्द्र नगर स्थित कांग्रेस भवन द्वारा किए गए कब्जों को लेकर स्थानीय एडीशनल सैशन जज की अदालत में निगम विरुद्ध अदालत की...
जालंधर(खुराना): एक ओर पंजाब में कांग्रेस का राज आ चुका है वहीं दूसरी ओर जालंधर के कांग्रेस भवन के कब्जों का मामला एक बार फिर गर्मा गया है। राजेन्द्र नगर स्थित कांग्रेस भवन द्वारा किए गए कब्जों को लेकर स्थानीय एडीशनल सैशन जज की अदालत में निगम विरुद्ध अदालत की अवमानना का केस दायर हुआ है जिसकी अगली सुनवाई 27 नवम्बर तय की गई है।
गौरतलब है कि अकाली-भाजपा कार्यकाल के दौरान कई साल पहले कांग्रेस भवन में किए गए अवैध कब्जों को लेकर अदालती केस हुआ था और 2012 में हाईकोर्ट में दायर एक याचिका के फैसले में नगर निगम कमिश्नर को 3 माह के भीतर कांग्रेस द्वारा किए गए अवैध कब्जे हटाने के निर्देश दिए गए थे। 2013 में नगर निगम ने जिला कांग्रेस कमेटी को नोटिस जारी करके हाऊस लेन में बनी दर्जन भर दुकानों को गिराने को कहा था।
तब जिला कांग्रेस के प्रधान अरुण वालिया ने स्थानीय अदालत में निगम के फैसले के विरुद्ध अपील दायर की थी परंतु उसका फैसला भी कांग्रेस के हक में नहीं गया। स्थानीय अदालत ने भी निगम को अवैध कब्जे हटाने हेतु निर्देश दिए थे परंतु काफी देर से यह मामला लटक रहा था। शिकायतकत्र्ता मनित मल्होत्रा ने अदालत की अवमानना का केस दायर करके मामले को एक बार फिर गर्मा दिया है। अब देखना होगा कि कांग्रेस के राज में क्या कांग्रेस भवन के अवैध कब्जे टूट पाएंगे?