पंजाब सरकार का खजाना डाक्टरों के लिए खाली

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Oct, 2017 11:57 AM

punjab government  s treasure vacancies for doctors

राज्य के सरकारी अस्पतालों में सेवाएं देने वाले डाक्टरों के एन.पी.ए. में पंजाब सरकार कभी भी कटौती कर सकती है। सरकार के निर्देशों पर स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों को इस संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। पंजाब मैडीकल व डैंटल टीचर्ज...

अमृतसर(दलजीत): राज्य के सरकारी अस्पतालों में सेवाएं देने वाले डाक्टरों के एन.पी.ए. में पंजाब सरकार कभी भी कटौती कर सकती है। सरकार के निर्देशों पर स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों को इस संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। पंजाब मैडीकल व डैंटल टीचर्ज एसो. ने सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए जितना ए.पी.ए. उतनी सेवाएं देने का फहै। 

जानकारी के अनुसार पंजाब सरकार का खजाना बिल्कुल खाली हो गया है। जिला खजाना कार्यालयों पर अघोषित एमरजैंसी घोषित करके मैडीकल बिल पर पहले से ही रोक लगाई हुई है। 5 करोड़ से अधिक के बिल खजाना कार्यालयों में पास होने के लिए पड़े हुए है। पंजाब के सरकारी अस्पतालों में सेवाएं देने वाले डाक्टरों का बड़ा हिस्सा सरकार को एन.पी.ए. (नॉन प्रैक्टिस अलाऊंस) के रूप में सरकार को देना पड़ता है। सरकार द्वारा डाक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस न करने के बदले में एन.पी.ए. दिया जाता है। 

सूत्र बताते हैं कि सरकार के निर्देशों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सिविल सर्जनों को निर्देश दिए गए हैं कि देखा जाए कि उनके जिले में कितने डाक्टर हैं व उनका कितना एन.पी.ए. प्रतिमाह बनता है। 
सरकार 25 से 20 प्रतिशत एन.पी.ए. भत्ता कर सकती है। सरकार के निर्देशों के बाद डाक्टर वर्ग में काफी बेचैनी है। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म महेन्द्रा कुछ कहने से बच रहे हैं, परन्तु एसोसिएशंस ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 

पंजाब मैडीकल तथा डैंटल टीचर्ज एसो. के राज्य प्रधान डा. एच.एस. सोहल ने कहा कि सरकार का फैसला निंदनीय है। एसो. द्वारा पटियाला में एमरजैंसी मीटिंग बुला ली गई है। सरकार द्वारा डाक्टरों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए एन.पी.ए. दिया जाता है। डाक्टर वर्ग 24 घंटे ऑन काल ड्यूटी पर रहते हैं, यदि सरकार डाक्टरों के एन.पी.ए. में कटौती करेगी तो डाक्टर भी जितना एन.पी.ए. मिलेगा उतनी ही सेहत सेवाएं देंगे। सरकार के फैसले का विरोध किया जाएगा। 
 

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