Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Sep, 2017 09:47 AM
पंजाब सरकार ने पैडी के सीजन को लेकर मिलिंग के लिए तैयार नई पालिसी में कैपेसिटी की सीमा तय की है जिससे प्रदेश के 3200 शैलरों को फायदा मिलेगा।
सुल्तानपुर लोधी (धीर): पंजाब सरकार ने पैडी के सीजन को लेकर मिलिंग के लिए तैयार नई पालिसी में कैपेसिटी की सीमा तय की है जिससे प्रदेश के 3200 शैलरों को फायदा मिलेगा। सरकार ने अब प्रत्येक शैलर की कैपेसिटी मुताबिक उसको मिलिंग करने की आज्ञा दी है जिससे धान न तो जिले से बाहर भेजा जा सकेगा और न ही बाहर से मंगवाया जा सकेगा।
क्या है सरकार की नई पालिसी
इस पालिसी मुताबिक 1 टन की कैपेसिटी वाले राइस मिलर को 3500 टन धान की मिलिंग व 2 टन कैपेसिटी वाले शैलरों को 4500 टन धान की मिलिंग करने की इजाजत दी गई है। इसके अतिरिक्त कोई भी राइस मिलर अधिक से अधिक 11,500 टन धान की मिलिंग कर सकेगा। लेकिन, बार्डर के साथ लगते जिलों से 40 प्रतिशत धान लेने की इजाजत भी दी गई है।
पहले क्या थी पालिसी
गत अकाली-भाजपा सरकार के राज में करीब 3 वर्ष पहले राइस मिलों के लिए धान की मिलिंग को समाप्त कर दिया गया था जिससे बड़े राइस मिल वाले अपनी कैपेसिटी से अधिक बाहरी जिलों व प्रदेशों से भी धान लाकर मिलिंग कर लेते थे। ऐसे में छोटा राइस मिलर घाटे में रहता था लेकिन अब कैप्टन सरकार ने प्रत्येक छोटे व बड़े के हितों का ध्यान रखकर जो नई पालिसी उसकी कैपेसिटी मुताबिक बनाई है उसके साथ प्रत्येक को फायदा पहुंचेगा। पंजाब सरकार की नई पालिसी मुताबिक प्रत्येक राइस मिलर 1 अक्तूबर से अपने जिले की मंडियों में धान की खरीद करके मिलिंग कर सकेंगे।
सरफेसी एक्ट वाले शैलरों को भी मिलिंग करने की इजाजत देने की मांग
जिला राइस मिलर एसोसिएशन के चेयरमैन जयपाल गोयल, सुल्तानपुर लोधी एसोसिएशन के राकेश धीर, अशोक कुमार, नरिन्द्र नैयर आदि ने सरकार से मांग की है कि जिन राइस मिलों ने सरफेसी एक्ट द्वारा बैंक से खुली बोली द्वारा शैलर खरीदे थे, को भी मिलिंग करने की इजाजत दी जाए व खरीद एजैंसियां अपना पैसा उन डिफाल्टरों से कोर्ट द्वारा वसूल सकती हैं।