Edited By Updated: 16 Jan, 2017 04:43 PM
विधानसभा चुनावों में इस बार जलालाबाद विधानसभा सीट पंजाब की प्रमुख सीटों में एक मानी जा रही है
जलालाबाद (सेतिया): विधानसभा चुनावों में इस बार जलालाबाद विधानसभा सीट पंजाब की प्रमुख सीटों में एक मानी जा रही है जहां शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल, आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार भगवंत मान चुनाव लड़ रहे हैं और वहीं कांग्रेस पार्टी की तरफ से बेदाग चेहरा और पूर्व मुख्यमंत्री स्व. स. बेअंत के पोते रवनीत सिंह बिट्टू को चुनाव मैदान में उतारा गया है। पार्टी हाई कमान के इस फैसले के बाद जलालाबाद हलके से संबंधित नेताओं द्वारा बिट्टू की एंट्रीपर जवाब दिए जा रहे हैं जिनके बाद ऐसा लगने लगा है कि सबसे पहले हलके में बिखरे हुए कांग्रेसियों को एक मंच पर एकजुट करना रवनीत सिंह बिट्टू के लिए बड़ी चुनौती होगा।
बातचीत दौरान यूथ कांग्रेस के महासचिव गोलडी कम्बोज ने कहा कि मैं दिल्ली से कल वापस आऊंगा और मेरे वर्करों की तरफ से रखी गई मीटिंग के बाद ही फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीते दिनों मेरे समर्थकों की तरफ से रखी गई रैली दौरान हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे और उन्हें समर्थन लेना भी जरूरी है।
कांग्रेस कमेटी देहात मंडल के प्रधान राज बख्श कम्बोज ने रवनीत सिंह बिट्टू के जलालाबाद से चुनाव लड़ने का स्वागत किया है और कहा कि शहीद बेअंत के परिवार से जलालाबाद से उम्मीदवार बनाना एक अच्छी बात है। इसी तरह डा. भगवान दास कालड़ा (अरनीवाला) ने भी कांग्रेस के इस फैसले को सही ठहराया है।
उधर,उभरे विरोधी सुरों मलकीत सिंह हीरा का कहना है कि पहले तो कांग्रेस हाई कमान को लोकल नेता पर भरोसा जताना चाहिए था परंतु यदि पार्टी ने फैसला बाहरी उम्मीदवार को उतारने का लिया है तो वह गलत है क्योंकि हम अकाली दल का सहर सहते रहे हैं और आज पार्टी ने पैराशूट द्वारा उम्मीदवार उतार दिया है जिसे हमारे वर्कर और सपोरटर स्वीकार करते हैं कि नहीं इस का फैसला भविष्य में लिया जाएगा।
उधर कांग्रेस समिति के प्रांतीय सचिव और राय सिख बिरादरी से संबंधित पूर्ण चंद मुजैदिया का कहना है कि जलालाबाद और फाजिल्का की सीट एक साजिश के अधीन दीं गई हैं जिसका हम विरोध करते हैं और जलालाबाद में मैं पार्टी का विरोध करूंगा और गुरूहरसहाए से मैं खुद आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ूंगा।
पूर्व जंगलात मंत्री हंस राज जोसन का कहना है कि पहले तो अकाली दल और आम आदमी पार्टी की तरफ से बाहरी नेता उतारे गए हैं जिनका जलालाबाद के साथ कोई संबंध नहीं और अब यदि कांग्रेस भी बाहर से उम्मीदवार लाती है तो यह हित में नहीं है फिर भी भविष्य में जैसे वर्कर कहेंगे वह फै सला लेंगे।