Edited By Updated: 16 Jan, 2017 01:58 PM
पंजाब विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक पार्टियों की स्थिति स्पष्ट होती जा रही है। करीब 2 दशक से प्रमुख पार्टियों के जीत के घोडों से जाने नेताओं को बाहर का रास्ता का दिखा दिया गया है।
जालंधरः पंजाब विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक पार्टियों की स्थिति स्पष्ट होती जा रही है। करीब 2 दशक से प्रमुख पार्टियों के जीत के घोडों से जाने नेताओं को बाहर का रास्ता का दिखा दिया गया है।
इनमें सबसे प्रमुख नेता है कांग्रेस के पूर्व मंत्री अवतार हैनरी। निवार्चन अधिकारी द्वारा अपत्ति जताने पर उनकी वोट काट दी गई है। इस कारण वह खुद चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।
वहीं अकाली दल की बीबी जगीर कौर को पंजाब-हरियाणा हाईकोट से चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं मिली।इसी कारण भुलत्थ से उनकी जगह उनके दामाद युवराज भूपिंद्र सिहं को टिकट दी गई है। दूसरी तरफ पूर्व कांग्रेसी नेता अमरजीत समरा को स्वास्थ्य कारणों से टिकट नहीं दी गई। वह पहले नकोदर तथा जालंधर कैंट से चुनाव लड़ चुके हैं।
पूर्व शिरोमणी अकाली दल के मंत्री सरवन सिंह फिल्लौर (69), जो कांग्रेस में हाल ही में शामिल हुए हैं।उनको टिकट अब तक नहीं मिला है। पूर्व विधायक संतोष चौधरी को भी कांग्रेस ने टिकट नहीं दी है। उनके पति पूर्व विधायक राम लुभाया की कुछ दिन पहले मौत हो गई थी। कहा जा रहा है कि उनकी मौत पत्नी और बेटी को टिकट न मिलने के गम में हुई है। हैनरी 1986 से अब तक 6 बार चुनाव में खड़े हो चुके है। इसमें से उन्होंने 3 चुनावों में जीत हासिल की थी। वहीं बीबी जगीर कौर 4 बार भुलत्थ से चुनाव लड़ चुकी है। इन चुनावों में उन्होंने 1 में हार का सामना करना पड़ा है। यहां हैनरी तथा फिल्लौर चुनाव में अपने बेटों को आगे कर रहे हैं। वहीं बीबी जगीर कौर अपने दामाद को चुनावों में आगे कर रही हैं।