Edited By Updated: 13 Jan, 2017 03:44 PM
भाजपा द्वारा लगातार 10 सालों से निष्काम रूप से कार्यरत राणा रघुनाथ सिंह दसूहा विधानसभा क्षेत्र से टिकट न मिलने से बेहद आहत हैं।
जालंधर/होशियारपुर(राहुल): भाजपा द्वारा लगातार 10 सालों से निष्काम रूप से कार्यरत राणा रघुनाथ सिंह दसूहा विधानसभा क्षेत्र से टिकट न मिलने से बेहद आहत हैं। उन्होंने कहा कि 2007 तक भाजपा का दसूहा क्षेत्र में जनाधार बेहद कम था। उन्होंने अपने मित्रों, गण्यमान्यों के सहयोग से एक ऐसा जनाधार तैयार किया कि वहां भाजपा जीत तक पहुंच सके। अनथक प्रयासों के चलते तैयार किए गए चुनावी रण में उनकी बजाय अमरजीत सिंह साही को भाजपा ने मैदान में उतार दिया और मुझे साही के पक्ष में प्रचार करने की जिम्मेदारी दी गई। 2012 में दोबारा मुझे चुनावी रण में उतारने का वायदा किया गया परंतु ऐन मौके पर मुझे फिर चुनाव लडऩे की बजाय साही को जिताने की जिम्मेदारी दी गई।
मैंने दोबारा दसूहा सीट जीत कर भाजपा की झोली में डाल दी। साही के दुखद देहांत के बाद सहानुभूति स्वरूप उनकी धर्मपत्नी सुखजीत कौर साही को मैदान में उतार दिया। अपने साथ लगातार 2 बार हुए धक्के को भुलाकर मैंने और मेरे साथियों ने डट कर चुनाव में काम किया और फिर भाजपा की झोली में सीट जीत कर दिखाई। इस चुनाव के दौरान भाजपा नेतृत्व द्वारा मुझे आगामी चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा गया और पिछले 10 सालों से मैं औ मेरे साथी भाजपा का दामन थाम कर चुनावी समर में उतरते रहे हैं और अब जब इस बार भी भाजपा द्वारा मुझे टिकट नहीं दिया गया तो मेरे साथी यहां तक कि विरोधी पार्टियों के लोग भी मेरे पक्ष में आकर मुझे आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव क्षेत्र में उतारने पर आमादा हैं।
लोगों से मिल रहे समर्थन का विरोध करना मेरे लिए ही कठिन हो रहा है। मुझे क्षेत्र की समस्याओं के हल के लिए, मेरे विश्वास पर जिताए गए विधायकों द्वारा अधूरे छोड़े गए विकास कार्यों व अपने नि:स्वार्थ समर्थकों के सम्मान के लिए बतौर आजाद उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरना पड़ेगा। राणा ने कहा कि वह अपने समर्थकों को अब निराश नहीं देख सकते। राणा ने कहा कि आजाद चुनाव लडऩे के लिए आगामी रणनीति शीघ्र ही अपने शुभचिंतकों, समर्थकों से विचार-विमर्श के बाद घोषित करेंगे।