हिंदू हलकों में सिख प्रत्याशियों का बोलबाला

Edited By Updated: 10 Jan, 2017 12:07 PM

punjab election 2017

अमृतसर शहरी की 5 शहरी विधानसभा सीटों में से 3 सीटों पर सियासी दल हिंदू प्रत्याशियों को खड़ा करते रहे हैं,

अमृतसर  (कुमार): अमृतसर शहरी की 5 शहरी विधानसभा सीटों में से 3 सीटों पर सियासी दल हिंदू प्रत्याशियों को खड़ा करते रहे हैं, लेकिन सैकुलर पार्टी का हवाला देकर पिछले समय में हिंदू बहुल सीटों पर सिख प्रत्याशियों का बोलबाला देखने को मिलता रहा। हालांकि उनकी परफॉर्मैंस पर शक नहीं किया जा सकता, लेकिन प्रत्याशियों की हार का कारण हिंदू सीटों पर सिख प्रत्याशियों को खड़ा किया जाना बताया जाता रहा है। 

अमृतसर की शहरी सीटों उत्तरी, पूर्वी, पश्चिमी, दक्षिण और केंद्रीय सीटों में से 3 सीटें उत्तरी, पूर्वी और केंद्रीय में कांग्रेस की ओर से ङ्क्षहदू प्रत्याशियों को उतारा जाता रहा है। एक अनुमान भी लगाया जाता है कि इन हलकों में 65 प्रतिशत आबादी ङ्क्षहदू मतदाताओं की है, इसलिए पार्टी हमेशा ही हिंदू प्रत्याशियों का पक्ष लेती रही है, लेकिन कुछ समय में इन सीटों पर सिख नेताओं ने अपना कद बढ़ाया और चुनावों में अच्छी परफॉर्मैंस देकर पार्टी का कद बढ़ाया।

हलका केंद्रीय 
इस क्षेत्र में कांग्रेस हिंदू प्रत्याशी पर ही दाव खेलती आई है, जो कामयाब रहा। ओम प्रकाश सोनी पिछली बार हलका केंद्रीय से चुनाव लड़े और अपने प्रतिद्वंद्वी को लगभग 10 हजार मतों से हराया, जबकि उससे पहले प्रो. दरबारी लाल सीट पर विजयी रहे थे। इस बार भी कांग्रेस ने उन्हें हलका केंद्रीय से अपना उम्मीदवार बनाकर अपना भरोसा जाहिर किया है, लेकिन इस बार सुनने में आ रहा है कि हलका उत्तरी और पूर्वी से कांग्रेस में प्रत्याशियों की लिस्ट में ङ्क्षहदू प्रत्याशियों की बजाय सिख प्रत्याशियों के नाम हैं। इन हिंदू बहुल सीटों पर सिख प्रत्याशी कितने कामयाब होते यह समय ही बताएगा लेकिन हलके की जनता इसे किस नजर से देखती है, उस पर ही निर्भर करेगा।

हलका पूर्वी 
यह क्षेत्र 2012 में अकाली दल से भाजपा के साथ सीट परिवर्तन में सामने आया और डा. नवजोत कौर सिद्धू ने चुनाव जीता। पिछली बार सुनील दत्ती को सिमरप्रीत कौर का टिकट काटकर दिया गया। सीधे टिकट न मिलने के कारण सुनील दत्ती लगभग 11,000 मतों से हारे। इस बार समीकरण इस प्रकार बदले हैं कि हलका पूर्वी भी हिंदू सीट होने के बावजूद सिख प्रत्याशी के  खाते में जाती दिख रही है, क्योंकि डा. नवजोत कौर सिद्धू ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली और उनके पति पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू का नाम इस सीट से चुनाव लडऩे में सामने आ रहा है। हिंदू दावेदारों में सुनील दत्ती, दिनेश बस्सी सहित अन्य प्रत्याशियों के नाम प्रमुख थे लेकिन कांग्रेस सिख प्रत्याशी पर अपना दाव खेलने जा रही है।

हलका उत्तरी 
इस क्षेत्र से पिछली बार चुनाव लड़े कांग्रेसी नेता कर्मजीत सिंह रिंटू इस बार भी मुख्य दावेदारों में से एक हैं। पिछली बार उनका सामना किसी और से नहीं बल्कि अनिल जोशी के साथ था, जो पहले से ही उस हलके से विधायक थे। रिंटू की जगह पर हिंदू नेता के आधार पर अश्विनी पप्पू को टिकट दिया गया, लेकिन बाद में उनकी टिकट काटकर रिंटू को दे दी गई। हालांकि रिंटू ने अनिल जोशी को अच्छी टक्कर दी, लेकिन वह लगभग 16,000 मतों से हारे। 2017 के चुनावों में भी कांग्रेस के पास कर्मजीत रिंटू के अलावा अश्विनी पप्पू और ममता दत्ता का नाम है। सूत्र बताते हैं कि शायद कांग्रेस इस बार हिंदू प्रत्याशी पर अपना दाव खेले। कांग्रेस अगर सैकुलर की परिभाषा पर चलती है तो कर्मजीत रिंटू को टिकट मिल सकती है, लेकिन यदि नहीं तो अश्विनी पप्पू या ममता दत्ता को टिकट मिलने के पूरे आसार हैं। यहां पर यह भी उल्लेखनीय है कि 1951 से ही कांग्रेस और भाजपा हमेशा ही हिंदू उम्मीदवारों पर दाव खेलती आई हैं। हलका उत्तरी के इतिहास में 2012 में पहली बार कांग्रेस ने सिख प्रत्याशी को टिकट दिया था। लोकसभा चुनावों में हलका उत्तरी से कै. अमरेन्द्र सिंह लगभग 19 हजार मतों से जीते थे।

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