पंजाब भाजपा में ‘फ्रस्ट्रेटेड वर्करों’ का हल्ला बोल

Edited By Updated: 20 Dec, 2016 10:10 AM

punjab election 2017

जब एक तरफ पंजाब के सभी राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों के ऐलान के साथ-साथ चुनावी रणनीति बनाने में जुटे हैं, ठीक उसी समय पंजाब में

जालंधर (पाहवा): जब एक तरफ पंजाब के सभी राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों के ऐलान के साथ-साथ चुनावी रणनीति बनाने में जुटे हैं, ठीक उसी समय पंजाब में भाजपा के अंदर जबरदस्त खींचतान चल रही है, जिसके कारण पंजाब भर में पार्टी की हालत खराब हो रही है। पुराने विधायकों तथा नए दावेदारों के बीच खींचतान के साथ-साथ पार्टी में कुछ ‘मनचलों’ व ‘फ्रस्ट्रेटेड वर्करों’ ने भी नेताओं की नींद खराब कर रखी है। इस पूरे माहौल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ खामोश है तथा मामले को तमाशे की तरह देख रहा है, लेकिन यह बात भी साफ है कि भारतीय जनता पार्टी की इस हालत में सुधार का एकमात्र रास्ता बच गया है और वह है संघ का डंडा। पंजाब भर की 117 सीटों में से पार्टी के पास पहले से ही मात्र 23 सीटें हैं जिन पर चुनाव लड़कर पार्टी खुद के ‘महान’ होने का दम भरती है। इन चंद सीटों पर भी पार्टी लगातार बिखरती जा रही है। जालंधर से लेकर पठानकोट, फिरोजपुर से लेकर अमृतसर और होशियारपुर से लेकर लुधियाना तक पार्टी में इस समय हाहाकार मची हुई है। अनुशासनप्रिय पार्टी में अनुशासन तार-तार हो रहा है। इस माहौल में अगर कोई खुश है तो वह पार्टी का आम वर्कर जो पिछले साढ़े 9 वर्ष से दरकिनार हुआ पड़ा था।  


जालंधर के केंद्रीय विधानसभा हलके में इस समय सबसे अधिक बवाल मचा हुआ है। सीट पर रोजाना कोई न कोई नया दावेदार पैदा हो रहा है। इस सीट पर भाजपा की तरफ से मनोरंजन कालिया विधायक हैं लेकिन आजकल सोशल मीडिया पर कई-कई दावेदार पैदा हो रहे हैं। इस क्षेत्र के वार्ड से कौंसलर का चुनाव लड़ चुके भाजपा नेता अमरजीत सिंह अमरी भी इस सीट के इच्छुक दिख रहे हैं। सोशल मीडिया पर सिख नेता को भाजपा की तरफ से दरकिनार किए जाने तथा केंद्रीय हलके से टिकट देने की मांग की जा रही है। आनंदपुर साहिब में मदन मोहन मित्तल विधायक हैं। वह चाहते हैं कि टिकट उन्हें या फिर उनके पुत्र को ही मिले। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि पार्टी में परिवारवाद नहीं चलने दिया जाएगा। ऐसे में पार्टी या तो मित्तल को टिकट दे सकती है अन्यथा टिकट परिवार के हाथ से खिसक सकती है। सक्रिय राजनीति में लौटे अविनाश राय खन्ना को पार्टी इस सीट से मैदान में उतार सकती है। इसी प्रकार दसूहा में भी सुखजीत कौर साही पहले से विधायक हैं लेकिन पार्टी वहां पर भी कोई नया चेहरा उतार सकती है। संभवत: अगर आनंदपुर साहिब से खन्ना को नहीं खड़ा किया जाता तो दसूहा से उन्हें मैदान में उतारा जा सकता है। अमृतसर में नवजोत कौर सिद्धू की खाली हुई सीट पर भाजपा के कई नेताओं की लार टपक रही है। 


इस सीट पर जिला अध्यक्ष राजेश हनी दावेदार बन रहे हैं जबकि अनिल जोशी के करीबी पिंटू तथा सतपाल महाजन की बहू रमा महाजन भी दावा जता रहा हैं। खुद मंत्री अनिल जोशी की सीट पर भी कुछ और दावेदार पैदा हो रहे हैं। प्रदेश सचिव सुभाष शर्मा अपने भाई अविनाश शैले को इस सीट से टिकट दिलवाना चाहते हैं। लुधियाना केंद्रीय हलके से सतपाल गोसाईं, उनके पुत्र अमित गोसाईं व करीबी रिश्तेदार गुरदेव देबी टिकट के लिए कतार में हैं। लुधियाना से सतीश मल्होत्रा, रविंद्र अरोड़ा, रेणु थापर, अनिल सरीन भी अपनी तरफ से अलग-अलग सीटों पर दावेदारी जता रहे हैं। 


 

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