Edited By Updated: 16 Dec, 2016 01:19 PM
पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा एक परिवार में एक ही टिकट देने बारे लागू किया गया फार्मूला कांग्रेस के 4 मौजूदा विधायकों पर भारी पड़ गया है।
लुधियाना(हितेश): पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा एक परिवार में एक ही टिकट देने बारे लागू किया गया फार्मूला कांग्रेस के 4 मौजूदा विधायकों पर भारी पड़ गया है। जिनको अपने परिवार को राजनीतिक विरासत सौंपने के लिए अपनी टिकटों का मोह छोडऩा पड़ा जिसमें खुद कैप्टन का परिवार शामिल है। अगर कैप्टन अमृतसर से सांसद रहते तो उनके परिवार को भी मौका मिल सकता था लेकिन अमरेन्द्र द्वारा लोकसभा से इस्तीफा देने के बाद पटियाला से विधानसभा चुनाव लडऩे का फैसला किया है। जहां से मौजूदा विधायक उनकी पत्नी ने कहीं और से टिकट के लिए अप्लाई ही नहीं किया। इसी तरह रायकोट से विधायक गुरचरण सिंह बोपाराए को अपने भाई अमर सिंह व नवांशहर से विधायक गुरइकबाल कौर को अपने बेटे अंगद सैनी के लिए सीट छोडऩी पड़ी है। यहां यह भी बताना उचित होगा कि बोपाराय को पहले उनके भाई की बदौलत ही टिकट मिली थी। जब वह सर्विस में थे और रिटायर होने के बाद खुद राजनीति में सक्रिय हो गए हैं जबकि गुरइकबाल कौर के पति प्रकाश सिंह पहले उसी सीट पर विधायक रह चुके हैं। जिनकी जगह ही उन्होंने राजनीतिक विरासत संभाली थी।
2 सांसदों की लाइन क्लीयर, 2 पर फंसा पेंच
कांग्रेस द्वारा जारी की गई टिकटों की पहली सूची में 2 सांसदों की लाइन क्लीयर हो गई है जबकि 2 पर अभी भी पेंच फंसा हुआ है। इनमें प्रताप बाजवा ने मौजूदा विधायक पत्नी की जगह भाई को टिकट दिलवाई है। जो पहले 2009 के उपचुनावों में वहां से चुनाव लड़ चुके हैं। सांसद रवनीत बिट्टू के भाई गुरकीरत कोटली को मौजूदा विधायक होने के कारण खन्ना से एक बार फिर टिकट मिल गया है। हालांकि सांसदों को मिली छूट के तहत शमशेर दूलो व संतोख चौधरी भी अपने परिवार के मैंबरों के लिए टिकट मांग रहे हैं। उनमें से दूलो द्वारा पत्नी या बेटे के लिए जिस बस्सी पठाना व पायल सीटों पर दावा कर रहे हैं। उन पर कोई और उम्मीदवारों का ऐलान हो गया है। इसी तरह चौधरी के बेटे द्वारा मांगी जा रही करतारपुर या फिल्लौर सीट को लेकर दिक्कत यह आ रही है कि करतारपुर से मौजूदा विधायक सरवण सिंह कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और फिल्लौर से टिकट मांग रहे हैं जबकि चौधरी फिल्लौर से कई बार विधायक रह चुके हैं और वहीं से टिकट चाहते हैं जबकि करतारपुर से चौधरी जगजीत सिंह का परिवार टिकट मांग रहा है।