प्रचार में पिछड़ी भाजपा, पैनल तय नहीं, दूसरे दलों की सूचियां जारी

Edited By Updated: 16 Dec, 2016 10:47 AM

punjab election 2017

बेशक पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चुनने से संबंधित भाजपा की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी है

चंडीगढ़ : बेशक पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चुनने से संबंधित भाजपा की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी है, लेकिन इसके बावजूद अभी तक पार्टी का चुनाव प्रचार गति नहीं पकड़ पाया है। इसकी वजह प्रत्याशियों को लेकर अभी तक स्थिति का स्पष्ट न होना है। जहां शिअद व ‘आप’ द्वारा अपने अधिकतर प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं, वहीं कांग्रेस के 61 उम्मीदवारों के संबंध में भी सूची जारी हो गई है इसलिए इन पाॢटयों के नेता अपने-अपने क्षेत्रों में प्रचार शुरू कर चुके हैं। 


वहीं, भाजपा में अभी पैनल तय करने के लिए ही निचले स्तर पर राय जानी गई है। पैनल फाइनल करने के लिए बैठक 20 दिसम्बर के आसपास होगी और उसके बाद सूची जारी होगी। इसे लेकर पार्टी के अंदर ही तरह-तरह की बातें हो रही हैं। जहां नेताओं को अपनी उम्मीदवारी के संबंध में अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं है, वहीं कार्यकत्र्ता भी असमंजस की स्थिति में हैं। 

अकाली-भाजपा गठबंधन के तहत पार्टी 23 सीटों पर चुनाव लड़ती है जबकि 94 पर शिअद प्रत्याशी मैदान में उतरते हैं। शिअद अपनी 94 सीटों में से 82 पर उम्मीदवार घोषित कर चुका है। अब केवल भाजपा ने ही अपने उम्मीदवार घोषित करने हैं। 23 में से करीब आधी सीटें ऐसी हैं, जिन पर उम्मीदवारी को लेकर पार्टी में असमंजस की स्थिति काफी ज्यादा है। इनमें 70 वर्ष की आयु पार कर चुके पार्टी नेताओं मदन मोहन मित्तल, भगत चूनी लाल और सतपाल गोसाईं की सीटों पर नए उम्मीदवारों का उतरना लगभग तय है, लेकिन यहां से किसे टिकट मिलेगी इस पर अभी सवालिया निशान है। 


वहीं, भाजपा छोडऩे वाली डॉ. नवजोत कौर सिद्धू की अमृतसर पूर्वी सीट सहित राजपुरा, अबोहर, दसूहा से भी नए उम्मीदवार मैदान में उतरने संबंधी चर्चाएं जोरों पर हैं। पहले फिरोजपुर से पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कमल शर्मा के चुनाव लडऩे की चर्चा थी, लेकिन अब उन्होंने इसमें असमर्थता जताई है। इस प्रकार पार्टी के लिए उम्मीदवारों का चयन समस्या बना हुआ है। इस बीच कुछ सीटों पर शिअद के साथ अदला-बदली की भी बात चल रही है, लेकिन अब समय काफी कम है। ऐसे में पार्टी जहां उम्मीदवारों के चयन में पिछड़ रही है, वहीं इसका प्रचार भी गति नहीं पकड़ पा रहा है। कुल मिलाकर पंजाब भाजपा का प्रचार अभी तक अन्य पाॢटयों से काफी पिछड़ा हुआ ही प्रतीत हो रहा है। हालांकि, पार्टी नेताओं का कहना है कि जमीनी स्तर पर कार्यकत्र्ता लोगों से संपर्क साध रहे हैं और भाजपा काफी मजबूत स्थिति में है।

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