मिशन-2017 को सफल बनाने हेतु जिला कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार साबित होगा चुनौती

Edited By Updated: 16 Dec, 2016 08:45 AM

punjab election 2017

मिशन-2017 को सफल बनाने को लेकर जालंधर जिले में चुनाव प्रचार करना भी कांग्रेस के लिए एक चुनौती साबित होगा। इसका मुख्य कारण जिला

जालंधर(चोपड़ा): मिशन-2017 को सफल बनाने को लेकर जालंधर जिले में चुनाव प्रचार करना भी कांग्रेस के लिए एक चुनौती साबित होगा। इसका मुख्य कारण जिला कांग्रेस शहरी के प्रधान राजिन्द्र बेरी को पार्टी ने सैंट्रल विधानसभा हलका से उम्मीदवार घोषित कर दिया है जिसके बाद बेरी को जिला प्रधान का पद छोडऩा पड़ेगा। वहीं दूसरी तरफ जिला कांग्रेस देहाती के प्रधान जगबीर सिंह बराड़ भी कैंट हलका से दावेदारी पेश कर चुके हैं हालांकि हाईकमान उन्हें नकोदर से चुनाव लड़वाने की इच्छुक है परंतु वह कैंट से ही चुनाव लडऩे को अडिग दिखाई दे रहे हैं। ऐसा न होने की सूरत में बराड़ आजाद प्रत्याशी के तौर पर भी कैंट से चुनाव लड़ सकते हैं। कैंट हलके का फैसला होने के बाद अगर जगबीर बराड़ कांग्रेस के चुनाव-चिन्ह अथवा आजाद चुनाव लड़ते हैं तो जिला कांग्रेस शहरी की भांति जिला कांग्रेस देहाती के प्रधान का पद भी खाली हो जाएगा। ऐसे हालात में पिछले करीब 3 साल से संगठन की अगुवाई कर रहे दोनों जिला प्रधानों के बिना पार्टी जिला स्तर पर नेतृत्वविहीन हो जाएगी। 

 

तब प्रदेश आलाकमान के सामने एक नई मुसीबत खड़ी हो जाएगी कि उक्त दोनों स्थानों पर किन नए चेहरों को कमान सौंपी जाए, क्योंकि जिला कांग्रेस शहरी में 4 विधानसभा हलके और देहाती में 5 विधानसभा हलके आते हैं। इन सभी हलकों में जिला कांग्रेस, ब्लाक कांग्रेस, वार्ड स्तर के  पदाधिकारियों को एकजुट रखते हुए पार्टी कार्यक्रमों और चुनाव प्रचार में जोर-शोर से लगाना भी प्रधान की जिम्मेदारी होगी। अब देखना है कि बराड़ के भाग्य का फैसला करने के बाद पार्टी जिले का नेतृत्व किन नेताओं के हाथों में सुरक्षित समझती है। 
 

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