Edited By Updated: 15 Dec, 2016 10:29 AM
पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) के जन्म लेने के समय में पूरी तरह सरगर्म होशियारपुर से जमीनी दलित नेत्री यामिनी द्वारा पार्टी में टिकट वितरण
लुधियाना/ होशियारपुर(पंकज): पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) के जन्म लेने के समय में पूरी तरह सरगर्म होशियारपुर से जमीनी दलित नेत्री यामिनी द्वारा पार्टी में टिकट वितरण को लेकर पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के खिलाफ खोले मोर्चे से पार्टी के दलित वोट बैंक में असमंजस की स्थिति है। लोकसभा चुनावों में 2 लाख के करीब वोट लेने वाली यामिनी द्वारा धारा गया दामिनी रूप पंजाब में सत्ता प्राप्ति के लिए तड़प रहे पार्टी नेतृत्व की उम्मीदों पर भारी पड़ सकता है। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की नीतियों से प्रभावित होकर होशियारपुर के घर-घर में पार्टी का झंडा बुलंद करने वाली यामिनी गोमर जो न सिर्फ खुद दलित है, बल्कि राज्य के दलित वोट बैंक के साथ-साथ बाकी वर्गों में भी खासी पकड़ बनाए हुए है। यामिनी ने जिस ढंग से विधानसभा चुनावों के ऐन पहले केजरीवाल पर दलित विरोधी, सिख विरोधी व पंजाब विरोधी होने के आरोप लगाए गए हैं, उससे राज्य की राजनीति में तूफान खड़ा हो गया है।
यामिनी के साथ आम आदमी पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने वाले रिटायर्ड चीफ कमिश्नर व पार्टी उपाध्यक्ष वह चेहरे हैं, जिन्होंने होशियारपुर के साथ-साथ अन्य जिलों में भी घर-घर जाकर पार्टी का प्रचार किया था। इन्हीं नेताओं का कमाल था कि लोकसभा चुनावों में यामिनी गोमर 2 लाख के करीब वोटें प्राप्त करने में सफल रही थीं। विधानसभा चुनावों में टिकट वितरण को लेकर निराश इन नेताओं द्वारा ऐसे समय पर पार्टी संयोजक केजरीवाल व अन्य पर कथित रूप से भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के आरोप लगाए गए हैं, जब पार्टी पहले ही दलित नेता सुच्चा सिंह छोटेपुर को बाहर का रास्ता दिखाने व दलित एम.पी. हरिंद्र सिंह खालसा की नाराजगी से पैदा हुए हालातों का सामना कर रही है।
पार्टी को अलविदा करते समय दलित नेत्री यामिनी द्वारा धारे दामिनी के रूप ने राज्य में पार्टी की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले दलित वोट बैंक को पूरी तरह से असमंजस में डाल दिया है। यही वजह है कि सियासत के माहिर इस बात को लेकर आशंकित हैं। इन इस्तीफों से दलित वोटर आम आदमी पार्टी से छिटक कर किसी अन्य पार्टी के लिए रामबाण साबित हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो पंजाब के सिंहासन पर बैठने का स्वप्न देख रहे केजरीवाल व उनकी टीम के सपने चकनाचूर होने तय हैं।