Edited By Updated: 14 Dec, 2016 09:55 AM
जालंधर छावनी हलके से शिरोमणि अकाली दल की टिकट सर्बजीत सिंह मक्कड़ को देने से नाराज चल रहे टिकट के मुख्य दावेदार जसपाल
जालंधर(महेश): जालंधर छावनी हलके से शिरोमणि अकाली दल की टिकट सर्बजीत सिंह मक्कड़ को देने से नाराज चल रहे टिकट के मुख्य दावेदार जसपाल सिंह ढेसी तथा उनके भाई शिरोमणि कमेटी के सदस्य परमजीत सिंह रायपुर को मनाने के लिए 14 दिसम्बर को दोपहर 2 बजे शिरोमणि अकाली दल के प्रधान व पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल उनके गांव रायपुर प्रौहला (जालंधर छावनी) स्थित निवास पर पहुंच रहे हैं। वर्णनीय है कि साल 2007 व 2012 के चुनावों में भी इस परिवार ने पार्टी की टिकट मांगी थी लेकिन पार्टी हाईकमान ने इनको दरकिनार करते हुए टिकट पहले जगबीर सिंह बराड़ को और फिर परगट सिंह को दे दी, जिससे ढेसी परिवार पार्टी से नाराज हो गया था लेकिन उस समय भी सुखबीर सिंह बादल ने इस परिवार को उनके घर जाकर मना लिया और पार्टी के दिए हुए प्रत्याशियों के समर्थन में भी खड़ा कर दिया था।
लालच में आकर नहीं करेंगे मक्कड़ की हिमायत
पार्टी ने दोनों बार परमजीत सिंह रायपुर को सरकार बनने पर अच्छा पद देने का वायदा भी किया था लेकिन उसे भी पूरा नहीं किया। बराड़ ने तो परमजीत सिंह रायपुर को कैंट मार्कीट कमेटी की चेयरमैनी दे दी थी, परगट सिंह ने तो कुछ भी नहीं दिया। निराशा के 10 साल बाद इस बार फिर इस परिवार ने पार्टी से टिकट लेनी चाही लेकिन पार्टी ने सर्बजीत सिंह मक्कड़ को टिकट दे दी। अब रायपुर-ढेसी फिर पार्टी से नाराज चल रहे थे। उनका कहना था कि वह किसी भी लालच में आकर मक्कड़ की हिमायत नहीं करेंगे। रविवार को उन्होंने अपने क्षेत्र के 4-5 गांवों के गण्यमान्य व्यक्तियों की बैठक रख यह घोषणा की थी कि अगर पार्टी ने मक्कड़ की टिकट न बदली तो वह आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे, किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अब जब पता चला कि सुखबीर बादल उन्हें मनाने के लिए उनके निवास पर आ रहे हैं तो वह बदले-बदले से दिखाई दे रहे थे।
कर सकते हैं मक्कड़ के समर्थन की घोषणा
यह भी कहा जा रहा है कि वह उपमुख्यमंत्री के आने पर मक्कड़ के समर्थन की घोषणा कर सकते हैं लेकिन अगर वह ऐसा कर लेते हैं तो यह रविवार को अपने गांव रायपुर में एकत्रित किए गए लोगों के साथ धोखा होगा, जिनकी मौजूदगी में ढेसी परिवार बड़ी-बड़ी बातें कर चुका है। उधर यह भी पता चला है कि पिछले चुनावों में आदमपुर हलके से पवन कुमार टीनू के विरोध में चल रहे कालरा-करवल ग्रुप को भी सुखबीर बादल ने मनाकर टीनू के साथ कर लिया था लेकिन पूरे 5 साल इस ग्रुप की न तो सरकार ने कोई सुनवाई की और न ही पवन कुमार टीनू ने। रायपुर से सुखबीर बादल के उनके निवास पर आने संबंधी बातचीत की तो उन्होंने कहा कि वर्करों तथा उनके समर्थकों का जो भी फैसला होगा, उसे ही वह पहल देंगे।