Edited By Updated: 26 Jan, 2017 11:54 AM
अपने राजनीतिक विरोधियों को जेल की हवा खिलाना, मानो पॉलीटिशियंस के लिए चुटकी बजाने जैसा खेल हो गया है।
चंडीगढ़ (रमनजीत सिंह): अपने राजनीतिक विरोधियों को जेल की हवा खिलाना, मानो पॉलीटिशियंस के लिए चुटकी बजाने जैसा खेल हो गया है। हालांकि यह ब्यानबाजी के लिए पॉलीटिशियंस का पसंदीदा जुमला बन चुका है लेकिन ऐसे कम ही मामले सामने आए हैं जिनमें सत्ता में आने के बाद किसी राजनेता ने विरोधी को जेल में डाला हो। ऐसा भी नहीं है कि ‘जेल भेज दूंगा’ वाला जुमला सिर्फ पंजाब के चुनाव में ही इस्तेमाल हो रहा हो। पहले भी कई राज्यों में ऐसे जुमलों को प्रयोग होता रहा है।
दिवंगत जयललिता और सुब्रहमण्यम स्वामी का मामला भी काफी चर्चित रहा। ऐसा ही कुछ हालही में हुए अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव में भी देखने को मिला। यह सवाल पूछा जाता रहा कि क्या सचमुच डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आने के बाद हिलैरी किं्लटन को जेल भेजेंगे? पंजाब विधानसभा के चुनावी माहौल में भी ऐसी ही ब्यानबाजी अपना अलग हिस्सा बनाए हुए है। फिर भले ही वो कांग्रेसी नेता हो, आम आदमी पार्टी या फिर शिरोमणि अकाली दल के। तीनों की ही तरफ से एक-दूसरे को जेल में भेजने की बात की जाती रही है।
पिछले लोकसभा चुनाव में राज्य में ‘आप’ को मिली सफलता के बाद से ही यहां उनकी तरफ से विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी गई थी। जेल यात्राओं पर ब्यानबाजी भी इक्का-दुक्का नेताओं की जुबान पर आना शुरू हो चुकी थी जो 2016 में काफी मुखर हो गई। आलम यह है कि चुनावी रैलियों के दौरान भाषणबाजी में ही तारीखें तक तय कर दी जाती हैं कि फलां तारीख से पहले-पहले जेल की हवा खिला देंगे।
वर्ष 2002 में कैप्टन ने किया था ऐलान
सरकार बनने पर बड़े और छोटे बादलों के खिलाफ जांच हुई, भेजा था जेल
पंजाब कांग्रेस के मुखिया कैप्टन अमरेंद्र काफी समय से राज्य में चुनावी मुहिम के तहत जगह-जगह प्रचार कर रहे हैं। इस दौरान कैप्टन ने कई बार भ्रष्टाचार के मामले में बादलों को जेल भेजने तक की बात कही है। नशे के मुद्दे पर भी कैप्टन जांच और आरोपियों को जेल भेजने की बात तक कह चुके हैं। 2002 विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार में भी कैप्टन ने ऐसे ही ऐलान किए थे। अंतत: कांग्रेस की सरकार बनने पर विजिलेंस के जरिये प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल के खिलाफ जांच हुई थी और उन्हें जेल में भी रहना पड़ा था। हालांकि 2007 में कांग्रेस को फिर से ऐसा ही रुख रखना नुकसानदायक साबित हुआ था।
पहले दिल्ली में किया अब यहां भी...
शीला दीक्षित को नहीं भेज पाए जेल अब मजीठिया निशाने पर
आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह और भगवंत मान लगातार आक्रामक रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल, खासकर बिक्रम सिंह मजीठिया ‘आप’ के निशाने पर हैं। अरविंद केजरीवाल तो हाल ही में यह ऐलान भी करने से नहीं चूके कि पंजाब में आप की सरकार बनने के बाद 15 अप्रैल से पहले-पहले बिक्रम सिंह मजीठिया जेल में बंद होंगे। हालांकि ऐसा ही कुछ आप की ओर से दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भी पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बारे में बोला जाता रहा था लेकिन वहां प्रचंड बहुमत वाली सरकार होने के बावजूद शीला दीक्षित को जेल भेज पाना केजरीवाल के लिए संभव नहीं हो पाया।
मजीठिया भी करते हैं दावा
मानहानी केस के सिलसिले में जल्द सलाखों के पीछे होंगे केजरीवाल
शिरोमणि अकाली दल हालांकि चुनावी प्रचार में ऐसी ब्यानबाजी नहीं कर रहा है लेकिन आम आदमी पार्टी की आक्रामक ब्यानबाजी के निशाने पर रहने वाले अकाली नेता और कैबनिट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया भी भरसक प्रयास कर रहे हैं कि ‘आप’ नेता जेल की हवा जरूर खाएं। कैबिनेट मंत्री मजीठिया ने आप नेताओं के खिलाफ मानहानि का केस दायर कर रखा है जिसमें गत नवंबर में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह और आशीष खेतान को पार्टी बनाया गया है। इसी केस के सिलसिले में हर पेशी पर कैबिनेट मंत्री मजीठिया दावा करते हैं कि आप नेता जल्द जेल की सलाखों के पीछे होंगे।