0.97 प्रतिशत मतदाताओं ने चुना नोटा का विकल्प

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Dec, 2017 10:32 AM

punjab corporation elections 2017

इस बार के पंजाब नगर निगम-2017 के चुनावों के लिए नगर निगम जालंधर और जिले की म्यूनिसिपल कमेटियों भोगपुर व गोराया के साथ-साथ नगर पंचायत शाहकोट और बिलगां में हुर्ई

जालंधर (अमित): इस बार के पंजाब नगर निगम-2017 के चुनावों के लिए नगर निगम जालंधर और जिले की म्यूनिसिपल कमेटियों भोगपुर व गोराया के साथ-साथ नगर पंचायत शाहकोट और बिलगां में हुर्ई वोटिंग के दौरान 1 प्रतिशत से ऊपर मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना। इस प्रकार से नकारात्मक वोटिंग की तरफ बढ़ रहा रुझान काफी चिंता का विषय है और इसको लेकर सभी पार्टियों के उम्मीदवारों को आत्म-चिंतन करने की गहन आवश्यकता है। अगर समय रहते राजनीतिक पार्टियों और इनके उम्मीदवारों ने इसको लेकर विचार नहीं किया तो आगामी चुनावों के अंदर इनकी परेशानियां काफी बढ़ सकती हैं। जिस तरह से आज के वोटरों खास तौर पर युवा वोटरों के अंदर वोट न डालने का प्रचलन बढ़ रहा है और इसके साथ ही किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में वोट न डालकर नोटा का बटन दबाकर अपनी भड़ास निकालने का चलन शुरू हो चुका है, यह बहुत बड़ी चिंता का विषय बन चुका है। 

 

मौजूदा समय के अंदर यह समस्या कोई बहुत बड़ी दिक्कत खड़ी करने वाली नहीं लगती, मगर आने वाले समय में यह किसी भी उम्मीदवार के भविष्य को निर्धारित करने में अहम भूमिका निभा सकती है। लगभग 6 लाख वोटरों के लिए वोट डालते समय नोटा (इनमें से कोई नहीं) का विकल्प पहली बार उपलब्ध था। जिसके तहत उनके पास चुनाव लड़ रहे सारे उम्मीदवारों को रद्द करने का अधिकार भी प्राप्त था और इस अधिकार का मतदाताओं ने बखूबी इस्तेमाल करते हुए कुल वोटें जो पोल हुईं, उसके 1.26 प्रतिशत हिस्सा नोटा को दिया। 

 

गली-मोहल्ले में विकास कार्य न होने को लेकर रोष स्वरूप नोटा का हुआ इस्तेमाल
नगर निगम चुनावों के अंदर मुख्य रूप से गली-मोहल्लों के अंदर विकास सबसे अहम मुद्दा होता है। और पिछले लंबे समय से शहर के अंदर आम जनता को पेश आ रही मूलभूत सुविधाओं की कमी, सड़कों की बुरी हालत, रुके हुए विकास कार्य, सीवरेज, पीने वाले पानी की समस्या आदि कुछ ऐसे विषय हैं, जिनको लेकर बहुत बड़े वर्ग के अंदर राजनीतिक पार्टियों के प्रति गहरे रोष की भावना व्याप्त थी। लोगों का कहना था कि पिछले कई सालों से वह विकास के लिए तरस रहे हैं। मगर उनकी परेशानियों की तरफ किसी भी राजनीतिक दल ने कोई खास ध्यान नहीं दिया है, जिसके चलते बड़ी गिनती में लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया।

 

किस जगह कितने प्रतिशत हुई नोटा वोटिंग?
जिले की म्यूनिसिपल कमेटियों भोगपुर व गोराया के साथ-साथ नगर पंचायत शाहकोट और बिलगां में हुर्ई वोटिंग के दौरान भोगपुर में कुल 7605 वोटें डाली गईं, जिसमें से 46 नोटा वोटें डाली गईं। इस प्रकार से कुल पोल हुई वोटों का 0.60 प्रतिशत हिस्सा नोटा के पक्ष में गया। इसी प्रकार से बिलगां में कुल 6050 वोटें डाली गईं, जिसमें से 58 नोटा वोटें डाली गईं, जिसमें कुल पोल हुई वोटों का 0.95 प्रतिशत हिस्सा नोटा के पक्ष में गया। गोराया में कुल 8285 वोटें डाली गईं, जिसमें से 67 नोटा वोटें डाली गईं, इसमें कुल पोल हुई वोटों का 0.80 प्रतिशत हिस्सा नोटा के पक्ष में गया। शाहकोट में कुल 7373 वोटें डाली गईं, जिसमें से 93 नोटा वोटें डाली गईं, जिसमें कुल पोल हुई वोटों का 1.26 प्रतिशत हिस्सा नोटा के पक्ष में गया।

 

क्या है नोटा, कब हुई थी इसकी शुरूआत?
लोकसभा चुनाव 2014 में इस सुविधा की शुरूआत की गई थी और इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए इस बार विधानसभा चुनावों में भी ई.वी.एम. मशीन के अंदर नोटा का बटन लगाया गया, जिसके तहत अगर वोटर सभी उम्मीदवारों को रद्द करना चाहेगा तो ई.वी.एम. में दिए गए नोटा (इन में से कोई नहीं) वाले बटन को दबाएगा। माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार चुनाव आयोग ने इस तरह का प्रबंध किया है कि वोटर अपने फैसले को गुप्त रखने के अपने अधिकार का उल्लंघन किए बिना अपना वोट डालने का अधिकार इस्तेमाल कर सके। 


गौर करने लायक है कि 27 सितम्बर 2013 को एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से चुनाव आयोग को हिदायत जारी की गई थी कि वह मतदान-पत्रों व ई.वी.एम. में नोटा (इनमें से कोई भी नहीं) का प्रबंध करे ताकि मतदान केन्द्र पर आने वाले वोटर अगर मुकाबले में खड़े किसी भी उम्मीदवार को योग्य नहीं समझते तो वह अपनी पहचान को गुप्त रखने के हक को बरकरार रखते हुए अपने वोट डालने के हक का इस्तेमाल कर सकें। अदालत का कहना था कि नियम 49-ओ की धाराएं संविधान के आर्टीकल 19 की उल्लंघना करती हैं जिसके तहत किसी उम्मीदवार को वोट न डालने के चाहवान वोटरों को अपने फैसले के बारे में प्रिजाइङ्क्षडग अफसर को बताना होता है जिससे उनकी पहचान सार्वजनिक हो जाती है।

 

नगर निगम जालंधर के 80 वार्डों की बात करें तो वहां पर नोटा वाटों की गिनती कुछ इस प्रकार देखने को मिली  
1   कुल वोट जो पोल हुईं : 3 लाख 27 हजार 523 
2    नोटा वोटें : 3191, नोटा वोटों का प्रतिशत : 0.97 प्रतिशत
वार्डों के हिसाब से स्थिति  
3  वार्ड नं. 1 से 6 और 57 से 62 (सैगमैंट नं. 34)
4    नोटा वोट 561 - कुल पोल हुए वोट 48173
5   वार्ड नं. 53 से 55 और 63 से 66 और 69 (सैगमैंट नं. 35)
6    नोटा वोट 511 - कुल पोल हुए वोट 56434
7   वार्ड नं. 7 से 14 और 16 से 17 और 56 (सैगमैंट नं. 36)
8    नोटा वोट 493 - कुल पोल हुए वोट 51259
9    वार्ड नं. 15, 18 से 20 और 48 से 52 और 67 से 68 (सैगमैंट नं. 37)
10    नोटा वोट 321 - कुल पोल हुए वोट 40130
11    वार्ड नं. 21 से 31 (सैगमैंट नं. 38)

नोटा वोट 440 - कुल पोल हुए वोट 38268

वार्ड नं. 32 से 42 (सैगमैंट नं. 39)

नोटा वोट 443 - कुल पोल हुए वोट 47633

वार्ड नं. 43 से 47 और 72 से 78 (सैगमैंट नं. 40)

नोटा वोट 422 - कुल पोल हुए वोट 45626

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