Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 11:53 AM
पहली बार मतदान करने को लेकर युवाओं में खासा जोश है, क्योंकि वे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का हिस्सा बनने जा रहे हैं। वोट डालना हमें अपनी जिम्मेदारी का अहसास करवाता है। निगम चुनावों को लेकर इस संवाददाता ने लाडोवाली रोड पर स्थित गुरु नानक देव...
जालंधर (पुनीत): पहली बार मतदान करने को लेकर युवाओं में खासा जोश है, क्योंकि वे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का हिस्सा बनने जा रहे हैं। वोट डालना हमें अपनी जिम्मेदारी का अहसास करवाता है। निगम चुनावों को लेकर इस संवाददाता ने लाडोवाली रोड पर स्थित गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी कालेज में युवा वर्ग से बातचीत करचुनावों संबंधी उनकी राय जानी। अधिकतर युवाओं का कहना था कि 17 दिसम्बर को वे पहली बार वोट डालेंगे जिसकों लेकर वे उत्साहित हैं। युवाओं का कहना है कि उन्होंने चुनावी जानकारी के लिए पंजाब केसरी एप डाऊनलोड कर रखा है, जिससे वह चुनावों को लेकर अपडेट हैं।
विद्यार्थी अरविंद्र सिंह नन्नू का कहना है कि युवा वर्ग को आगे आने की आवश्यकता है, क्योंकि युवा वर्ग देश का भविष्य है। यूथ को आगे आकर गंदी राजनीति से उपर उठकर कार्य करना चाहिए ताकि समाज का सुधार हो सके। मौजूदा समय में चुनाव जीत चुके कई नेताओं ने द्वेष की राजनीति करते हुए समाज में बुरा मैसेज छोड़ा है जोकि अच्छी बात नहीं है। जब युवा वर्ग ईष्र्या छोड़कर कार्य करेगा तो इससे बढिय़ा ढंग से विकास कार्य हो पाएंगे। ऋतिक शर्मा कहते हैं कि नगर निगम में हाऊस की मीटिंग में जिस कदर नेता आपस में बहसते हैं और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हैं तो बुरा लगता है। जिस तरह की खबरें हाऊस की मीटिंग के संबंध में छपती हैं, उनसे ऐसा लगता है कि नेताओं की एक-दूसरे से पुरानी दुश्मनी हो। नेताओं को संयम से काम लेना चाहिए और गंदी राजनीति से ऊपर उठकर कार्य करना चाहिए ताकि समाज में सही संदेश जाए।
सूर्या शर्मा कहते हैं कि नए नेताओं को आगे लाना चाहिए, क्योंकि बदलाव आना अच्छा होता है। बदलाव से समाज में सुधार होगा, जिससे विकास कार्य होंगे और लोगों को उनकी परेशानियों से राहत मिलेगी। नेताओं को चाहिए की वे सभी वोटरों को एक समान समझें क्योंकि अधिकतर देखने में आता है कि चुनाव जीतने वाला नेता दूसरी पार्टी के संबंधित वोटरों के विकास कार्यों करने को महत्व नहीं देता। चुनावों के बाद जीतने वाले नेताओं को ओछी राजनीति से ऊपर उठना चाहिए। विद्यार्थी पारस आनंद का कहना है कि युवा व नेक छवि वाले नेता को आगे लाना चाहिए। निगम चुनावों में पार्टी के नाम पर नहीं बल्कि व्यक्ति की छवि को वोट मिलते हैं, सभी वोटरों को चाहिए कि वे पार्टी को नहीं बल्कि व्यक्ति को पहचानें और उसी नेता को आगे लाया जाए तो आगे चलकर विकास कार्य करने में समक्ष हो और जनता के दुख-दर्द को समझता हो। छात्रा खुशी बत्तरा कहती है कि निगम चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देना अच्छी बात है। इस बार हाऊस में हर दूसरी कुर्सी पर महिला होगी। महिलाएं इलाके की समस्याओं को अच्छे से उठाएंगी और महिला सशक्तिकरण होगा। वोटरों को भी उसी महिला को आगे लाना चाहिए जो उनकी समस्याओं को अच्छे से जान सके और इलाके का विकास करवा सके।