Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 11:50 AM
नगर निगम चुनाव को महज कुछ दिन का ही समय बचा है, मगर प्रत्याशी व वोटर अभी तक वार्डबंदी की तुकबंदी से बाहर नहीं निकल पाए हैं। अभी तक न तो प्रत्याशियों को अपना वार्ड समझ आ रहा है और न ही वोटरों को। सबसे बुरी स्थिति तो उन इलाकों की है, जहां एक गली का...
जालंधर(रविंदर शर्मा): नगर निगम चुनाव को महज कुछ दिन का ही समय बचा है, मगर प्रत्याशी व वोटर अभी तक वार्डबंदी की तुकबंदी से बाहर नहीं निकल पाए हैं। अभी तक न तो प्रत्याशियों को अपना वार्ड समझ आ रहा है और न ही वोटरों को। सबसे बुरी स्थिति तो उन इलाकों की है, जहां एक गली का कुछ हिस्सा एक वार्ड में तो कुछ हिस्सा दूसरे वार्ड में है। हैरानी की बात तो यह है कि एक ही गली में एक ही पार्टी के 3-3 प्रत्याशियों के बोर्ड लगे व बैनर टंगे हैं। इन सबमें सबसे ’यादा असमंजस की स्थिति वोटरों के लिए है। गौर हो कि 2012 तक जालंधर नगर निगम की हद में 60 वार्ड आते थे, मगर इस बार सत्ता में आई कांग्रेस ने अजब खेल खेलते हुए अचानक शहर के 20 वार्ड बढ़ा दिए। न केवल 20 वार्ड बढ़े, बल्कि प्रत्येक वार्ड की हदबंदी व वार्डबंदी ही बदल दी गई। प्रत्येक वार्ड का नंबर तक बदल गया। जो वार्ड कभी 1 नंबर होता था, उसका एरिया अब 80 नंबर वार्ड कहला रहा है। वार्डबंदी की भौगोलिक स्थिति को अभी तक प्रत्याशी समझ नहीं पाए हैं। हद तो तब होती है जब एक ही सड़क का हिस्सा 2 या 2 वार्ड से टकराता है।
कई बार तो डोर-डोर प्रचार के दौरान एक ही पार्टी के प्रत्याशी वहीं घरों में जा रहे हैं :वोटर भी समझ नहीं पा रहे हैं कि वे वोट किसे दें। वोटरों की इसी असमजंस की स्थिति मतदान के दिन भी दिखाई दे सकती है। वार्डबंदी का क्या समीकरण रहा, इसे भी अभी तक चुनाव माहिर भी समझ नहीं पाए हैं। किसी वार्ड में 11 से 12 हजार तक वोटर हैं तो किसी वार्ड में महज 2000। प्रचार के साथ-साथ प्रत्याशियों को अपने एरिया को ही समझने में अभी तक खूब पसीना बहाना पड़ रहा है।
मतदाताओं की सहूलियत के लिए ई.वी.एम. पर होगी प्रत्याशियों की फोटो : जिला चुनाव अधिकारी -कम- डी.सी. वरिंद्र शर्मा का भी मानना है कि कई वार्ड में एक ही सड़क 2-2 वार्डों को लग रही है, मगर सभी प्रत्याशियों के पास वोटर लिस्ट के साथ-साथ एरिया लिस्ट भी है। रही बात वोटरों की तो उनकी सहूलियत के लिए ही ई.वी.एम. पर सभी प्रत्यशियों की फोटो लगाई जा रही है।