Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 09:42 AM
इन दिनों पंजाब के 3 बड़े शहरों जालंधर, अमृतसर और पटियाला में नगर निगम चुनावों का दौर अंतिम चरण में पहुंच चुका है और मतदान को कुछ ही दिन बाकी बचे हैं। ऐसे में इन चुनावों हेतु खड़े उम्मीदवारों के दिलों की धड़कनें बढ़ गई हैं और कइयों ने तो मेयर, सीनियर...
जालंधर(खुराना): इन दिनों पंजाब के 3 बड़े शहरों जालंधर, अमृतसर और पटियाला में नगर निगम चुनावों का दौर अंतिम चरण में पहुंच चुका है और मतदान को कुछ ही दिन बाकी बचे हैं। ऐसे में इन चुनावों हेतु खड़े उम्मीदवारों के दिलों की धड़कनें बढ़ गई हैं और कइयों ने तो मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर, डिप्टी मेयर व कौंसलर पद पर आसीन होने के सपने भी लेने शुरू कर दिए हैं। बहुत से पाठकों को शायद पता नहीं होगा कि नगर निगम के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर, डिप्टी मेयर तथा पार्षदों को कितना मासिक भत्ता मिलता है। पेश है इसका विवरण-
मेयर
बतौर पार्षद भत्ता रु15,000
मान भत्ता रु30,000
रैजीडैंस अलाऊंस रु1000
कुल मासिक वेतन रु46,000
सी. डिप्टी मेयर
बतौर पार्षद भत्ता रु15,000
टैलीफोन भत्ता रु2000
मान भत्ता रु24,000
कुल मासिक वेतन रु41,000
डिप्टी मेयर
बतौर पार्षद भत्ता रु15,000
टैलीफोन भत्ता रु2000
मान भत्ता रु18,750
कुल मासिक वेतन रु35,750
कौंसलर
बतौर पार्षद भत्ता रु15,000
टैलीफोन भत्ता रु2000
कुल मासिक वेतन रु17,000
वार्ड बढऩे से निगमों पर बढ़ेगा आर्थिक बोझ
पंजाब सरकार ने हाल ही में सभी नगर निगमों की नई वार्डबंदी की है जिसके तहत वार्डों की संख्या बढ़ाई गई है। जालंधर नगर निगम के वार्डों को 60 से बढ़ाकर 80 किया गया है। 20 नए पार्षद जुड़ जाने से निगम पर आॢथक बोझ भी बढ़ेगा। गौरतलब है कि एक पार्षद को मासिक 17,000 रुपए निगम से मिलते हैं। 20 पार्षदों को मासिक वेतन के रूप में निगम को 3.40 लाख रुपए हर महीने और देने होंगे। इस प्रकार एक साल में यह बोझ 40 लाख रुपए से ज्यादा बढ़ जाएगा। नगर निगमों के सामने पहले ही अपने कर्मचारियों को वेतन देने का संकट गहराया हुआ है। ऐसे में पार्षदों की संख्या बढऩे से बढ़ा हुआ बोझ निगमों के लिए और समस्या का कारण बनेगा।