Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Dec, 2017 12:52 PM
नगर निगम मुलाजिमों को काफी देर बाद जाकर समय पर वेतन मिलने जा रहा है। इसकी वजह सरकार द्वारा जी.एस.टी. लागू होने के बाद पहली शेयर रिलीज करना है। जिससे नगर निगम के बाकी खर्च भी पूरे होने का रास्ता साफ हो गया है। यहां बताना उचित होगा कि चुंगी बंद होने...
लुधियाना (हितेश): नगर निगम मुलाजिमों को काफी देर बाद जाकर समय पर वेतन मिलने जा रहा है। इसकी वजह सरकार द्वारा जी.एस.टी. लागू होने के बाद पहली शेयर रिलीज करना है। जिससे नगर निगम के बाकी खर्च भी पूरे होने का रास्ता साफ हो गया है। यहां बताना उचित होगा कि चुंगी बंद होने के बाद वैट की कलैक्शन को नगर निगम की आमदनी का विकल्प बनाया गया था। हालांकि 10 साल से ज्यादा समय बीतने के बावजूद वह शेयर न बढ़ाने कारण नगर निगम को हर माह मुलाजिमों को वेतन देने व अन्य खर्च चलाने में दिक्कत आ रही थी लेकिन जी.एस.टी. लागू होने के बाद तो हालात बद से बदतर हो गए हैं।
केंद्र से शेयर न मिलने कारण राज्य सरकार द्वारा निगम को कोई मदद न मिली और मुलाजिमों को अगस्त, सितम्बर व अक्तूबर का वेतन काफी लेट दिया गया। इसी तरह बिल पैंडिंग होने के विरोध में ए-टू-जैड कम्पनी ने कूड़े की कलैक्शन व पैट्रोल पम्प मालिकों ने तेल की सप्लाई बंद कर दी जो हालात प्रॉपर्टी टैक्स, पानी-सीवरेज के बिलों व बिल्डिंग ब्रांच का बकाया रैवेन्यू रुका रहने कारण और गंभीर हो गए।इसी बीच सरकार ने जी.एस.टी. शेयर के रूप में जुलाई के बाद नगर निगम को पहली बार 49 करोड़ रिलीज किए हैं, जिससे सबसे बड़ी खुशी की खबर नगर निगम मुलाजिमों के लिए आई है, जिनको इस माह 11 तारीख को वेतन मिल जाएगा। इसी तरह बकाया बिलों की अदायगी के पैसे का प्रबंध होने को लेकर नगर निगम अफसरों ने भी राहत की सांस ली है।
मुलाजिमों को मिलेंगे रिटायरमैंट ड्यूज व वेतन की कटौती के 6 करोड़
निगम में कंगाली का दौर छाने कारण सिर्फ मुलाजिमों की तनख्वाह ही नहीं रुकी रही, बल्कि उनके पुराने वेतन में से काटे गए टैक्स व फंड के & करोड़ भी खाते में जमा नहीं हो पाए। इसी तरह रिटायर्ड हो चुके मुलाजिमों के & करोड़ के ड्यूज भी पैंङ्क्षडग पड़े हैं जो पैसा अब जाकर रिलीज हो पाएगा।
सरकार की तरफ बकाया 150 करोड़ मिलने से चलेगी विकास की गाड़ी
सरकार द्वारा वैट की वसूली में से नगर निगम को 5.86 करोड़ की 5 या 6 किस्तें हर माह भेजी जाती थीं लेकिन जी.एस.टी. लागू होने के बाद सिर्फ 25 करोड़ ही आया है। इस तरह सरकार की तरफ 150 करोड़ बकाया खड़े हो गए हैं। यह पैसा मिलने से ही ठेकेदारों को बकाया बिलों की पेमैंट करके विकास की गाड़ी को फिर से पटरी पर चढ़ाने के सपने संजोए जा रहे हैं।
ऐसे खर्च होगा सरकार से मिली मदद का पैसा
सरकार से आए हैं - 49 करोड़
मुलाजिमों को वेतन देने के लिए चाहिए - 22.5 करोड़
बिजली के बिल देने पर खर्च होंगे - 9.5 करोड़
लोन की वापसी की किस्तें जाएंगी - 3.75 करोड़
कूड़े की लिफ्टिंग, तेल व मैकेनिकल स्वीपिंग के बिल - 3 करोड़