Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Dec, 2017 09:14 AM
17 दिसम्बर को होने जा रहे नगर निगम चुनावों के दृष्टिगत चुनावी मैदान पूरी तरह गर्मा चुका है। हर कालोनी और मोहल्ले की गली-गली में बैनर, पोस्टर, स्टिकर और रंग-बिरंगे झंडे तो दिखाई दे ही रहे हैं, साथ ही साथ जगह-जगह चुनावों की चर्चा ने जोर पकड़ा हुआ है।...
जालंधर (खुराना): 17 दिसम्बर को होने जा रहे नगर निगम चुनावों के दृष्टिगत चुनावी मैदान पूरी तरह गर्मा चुका है। हर कालोनी और मोहल्ले की गली-गली में बैनर, पोस्टर, स्टिकर और रंग-बिरंगे झंडे तो दिखाई दे ही रहे हैं, साथ ही साथ जगह-जगह चुनावों की चर्चा ने जोर पकड़ा हुआ है। ‘पंजाब केसरी’ की टीम ने शहर की मशहूर खाने-पीने की दुकानों पर जाकर चुनावी माहौल बारे अंदाजा लगाया और पाया कि डी.ए.वी. कालेज क्षेत्र में सुप्रसिद्ध दीनानाथ के कुलचे-छोले खाने वाले लोग भी वहां ज्यादा चर्चा चुनावों पर ही करते हैं। गौरतलब है कि दीनानाथ के कुलचे वाली रेहड़ी डी.ए.वी. फ्लाईओवर के नीचे पिछले 4-5 दशक से लग रही है और डी.ए.वी. कालेज तथा आसपास के शिक्षण संस्थानों में पढ़-लिख चुके लाखों विद्यार्थियों ने इन कुलचों का स्वाद चखा हुआ है। आज भी इन शिक्षण संस्थाओं के पुराने विद्यार्थी दीनानाथ के कुलचे खाते समय पुराने दिनों को याद करते हैं।
आज जब दीनानाथ कुलचे वाले की रेहड़ी पर ‘पंजाब केसरी’ की टीम गई तो वहां बल्र्टन पार्क में क्रिकेट मैच खेलने आए युवाओं के दल के अलावा कालेज के कुछ विद्यार्थी भी कुलचे खा रहे थे। डेविएट के छात्र मौलिक का कहना था कि जालंधर के 80 वार्ड बनाना बिल्कुल गलत है। कई वार्ड तो बहुत छोटे और कई बहुत बड़े हैं। एक-एक मोहल्ले को 2-3 वार्डों में बांटने से वोटरों के अलावा उम्मीदवार तक परेशान हैं। साथ लगते पॉलीटैक्निक के छात्र राजीव का कहना था कि कुछ पाॢटयों ने खराब इमेज वाले उम्मीदवारों को पार्टी टिकट देकर गलत मिसाल कायम की है। राजीव के ही दोस्त प्रशांत का कहना था कि इस मामले में सब पाॢटयां एक जैसी हैं और कोई भी पार्टी सिद्धांतों पर कायम नहीं है। क्रिकेट मैच खेलने आए बी.एस.एफ. कालोनी के बावा ने कहा कि निगम चुनावों के उम्मीदवार सिर्फ घर-घर जाकर और हाथ जोड़कर वोट मांग रहे हैं। किसी उम्मीदवार के पास कोई विजन नहीं है।
युवा वोटर सिर्फ उसी को वोट देंगे जिसके पास विजन हो परंतु निगम चुनावों के ज्यादातर उम्मीदवार बगैर कोई घोषणा पत्र के ही इधर-उधर भागे जा रहे हैं। क्रिकेट टीम के ही सदस्य संजू का कहना था कि उसके मोहल्ले का उम्मीदवार बिल्कुल पढ़ा-लिखा नहीं परंतु उसकी जीत की संभावना पूरी है। ऐसे में इस देश का क्या बनेगा। क्रिकेट खिलाड़ी रमिंद्र का कहना था कि चुनावों में आचार संहिता की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बगैर पूछे हर जगह झंडे, स्टिकर, बैनर लगाए जा रहे हैं। क्रिकेटर राजू ने कहा कि निगम चुनावों में जो उम्मीदवार शराब की बोतलें बांटते हैं उनका बायकाट किया जाना चाहिए। इसी तरह जो उम्मीदवार राशन देकर वोट की अपेक्षा रखते हैं कल को वे वार्ड की क्या सेवा करेंगे। छोले-कुलचे खाने आई एक महिला रीटा ने कहा कि वोटर फैसला कर चुका है कि वोट किसे डालना है। अब तो सभी उम्मीदवार फिजूल की मेहनत कर रहे हैं। निगम चुनावों में पार्टीबाजी की बजाय उम्मीदवार के चरित्र को ध्यान में रखा जाना चाहिए।