Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 May, 2017 02:00 PM
पंजाब कांग्रेस के प्रधान बनाए गए सुनील जाखड़ को भले ही हिंदू चेहरा कहा जाता है
लुधियाना (हितेश) : पंजाब कांग्रेस के प्रधान बनाए गए सुनील जाखड़ को भले ही हिंदू चेहरा कहा जाता है लेकिन वह जाट समुदाय से आते हैं। इस तरह कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के सी.एम. बनने के बाद सरकार व कांग्रेस दोनों पर ही जाटों का कब्जा हो गया है, उसके बाद से ही पार्टी पर कैबिनेट विस्तार के दौरान ङ्क्षहदुओं का अनुपात पूरा करने का दबाव बढऩे लगा है।
अब कांग्रेस की सरकार बन चुकी है तो कैप्टन के सी.एम. बनने के बाद से ही पंजाब कांग्रेस की प्रधानगी हासिल करने के लिए जोड़-तोड़ शुरू हो गया था, जिसके लिए प्रमुख दावेदारों में शामिल राजिन्द्र कौर भट्ठल, लाल सिंह, रवनीत बिट्टू, प्रताप बाजवा, एच.एस. हंसपाल, केवल ढिल्लों आदि को सिख व जाट चेहरा बताकर शांत करवा दिया गया जबकि शमशेर सिंह दूलों, महिन्द्र के.पी., चौधरी संतोख सिंह आदि की दावेदारी पर कैबिनेट में पहले से 3 दलित मंत्री होने की बात कहकर पानी फेर दिया गया और गांधी परिवार के करीबी होने के अलावा कैप्टन की पसंद के चलते जाखड़ का नंबर लग गया। जिनको ङ्क्षहदू चेहरा बताया गया, जबकि वह जाट समुदाय से आते हैं।
इस पहलु को लेकर ङ्क्षहदुओं द्वारा यह कहकर सरकार में भागीदारी बढ़ाने की मांग की जा रही है कि उन्होंने ही कांग्रेस को जिताने में सबसे ज्यादा योगदान दिया है और ङ्क्षहदू विधायक भी काफी जीतकर आए हैं जबकि कैबिनेट में 5 जाटों व 3 दलितोंके मुकाबले सिर्फ एक ङ्क्षहदू ब्रह्म महिन्द्रा को ही लिया गया है। इसके चलते अगले कैबिनेट विस्तार में शामिल होने वाले नए ङ्क्षहदू मंत्रियों की संख्या 3 से ज्यादा होने की उम्मीद लगाई जा सकती है।