Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Dec, 2017 11:20 AM
नाबालिग बच्चे पर अमानवीय अत्याचार का मामला पंजाब बाल सुरक्षा कमीशन के पास पहुंच गया है, जिसने गंभीरता दिखाते हुए पुलिस अधिकारियों व अन्य पक्षों को अपने-अपने पक्ष पेश करने के लिए तलब कर लिया है। यह मामला इस हद तक तूल पकड़ चुका है कि पंजाब की सियासत...
बठिंडा(बलविंद्र): नाबालिग बच्चे पर अमानवीय अत्याचार का मामला पंजाब बाल सुरक्षा कमीशन के पास पहुंच गया है, जिसने गंभीरता दिखाते हुए पुलिस अधिकारियों व अन्य पक्षों को अपने-अपने पक्ष पेश करने के लिए तलब कर लिया है। यह मामला इस हद तक तूल पकड़ चुका है कि पंजाब की सियासत तक पहुंच चुका है। जाहिर है कि आने वाले समय में इसकी गूंज विधान सभा में भी सुनाई देगी। बुद्धिजीवियों का मानना है कि यह मामला अब जांच की बजाय दबाव में चला गया है, जिसका अंतिम नतीजा जांच रिपोर्ट के जरिए नहीं, बल्कि दबाव की रिपोर्ट से निकलेगा। जैसे पुलिस ने जो भी कार्रवाई की है, वह बढ़ रहे दबाव का ही नतीजा है। जबकि पुलिस को चाहिए था कि बच्चे की मारपीट से अधिक जांच पर ध्यान देती।
गौर है कि बच्चे पर अमानवीय अत्याचार के मामले में मीडिया व अन्य पक्षों का दबाव बढ़ता देखकर पुलिस ने थाना कोतवाली के एक सहायक थानेदार कुलविंद्र सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन थाना प्रभारी दविंद्र सिंह व सहायक थानेदार राजदीप सिंह को बख्श दिया गया, जबकि आरोप इन पर बराबर ही लगे हैं। इसी तरह बच्चे को पकड़कर पुलिस के हवाले करने वाले दविंद्र कुमार निवासी माता रानी गली को भी नामजद किया गया है। यह मामला पंजाब बाल सुरक्षा कमीशन के पास पहुंच चुका है जिसके चेयरमैन सुरेश कालिया ने नोटिस जारी कर एस.पी. स्वर्ण सिंह खन्ना, थाना प्रभारी दविंद्र सिंह, सहायक थानेदार कुलविंद्र सिंह, राजदीप सिंह से अलावा बच्चे की मां, मोहल्ला वासी दविंद्र कुमार व सिविल सर्जन को बुलाया है। जिनको बाकायदा निर्देश दिए हैं कि संबंधित मामले की रिपोर्ट 12 दिसम्बर को कमीशन कार्यालय में खुद पेश करें। बच्चे की मां अमनदीप कौर ने बताया कि उसको कमीशन का नोटिस मिला है, जहां वह कल पेश हो रही है। बच्चे को इंसाफ दिलाने के लिए वह हर चौखट पर बिना डरे पेश होगी।
बच्चे को पकड़कर सिर्फ पुलिस हवाले किया : प्रवीन वर्मा
जिस दविंद्र कुमार की छत से बच्चे को पकड़ा गया उनकी पत्नी प्रवीन वर्मा का कहना है कि शक के आधार पर ब‘चे को पकड़ा गया। मौके पर पुलिस को बुलाकर बच्चे को उनके हवाले कर दिया गया। अगले दिन ब‘चे की मां द्वारा मिन्नतें करने के कारण तरस के आधार पर उन्होंने समझौता कर लिया। इसके अलावा पुलिस ने क्या किया और क्यों किया, इस बारे में वह कुछ नहीं जानते। वह अपनी जगह ठीक हैं लेकिन फिर उसके पति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। उन्होंने आज एस.एस.पी. को मिलकर मांग की है कि दविंद्र कुमार के खिलाफ दर्ज मामला खारिज किया जाए।
चोरी मंगलवार को हुई और बच्चे को रविवार को पकड़ा
उल्लेखनीय है कि दविंद्र कुमार के घर मंगलवार को चोरी हुई थी, लेकिन उसी मकान की छत से लखविंद्र सिंह को कुछ दिन बाद रविवार को पकड़ा गया। सवाल यह है कि अगर उसने मंगलवार को उस घर में चोरी की थी तो वह दोबारा रविवार को वहां क्यों जाएगा। मकान मालिक को शक हुआ कि यह बच्चा चोरी करने के लिए आया था जिसको पुलिस हवाले कर दिया गया। बच्चे के बयान के अनुसार उसकी बुरी तरह मारपीट की गई और गुप्त अंग में पैट्रोल डाला गया। शिकायतकत्र्ता ने शक जाहिर किया कि बच्चा ही चोरी में शामिल है। पुलिस ने अन्य तरीकों से जांच करने की बजाय बच्चो पर अमानवीय अत्याचार किया। यह भी गौर है कि बच्चे को रविवार सुबह 9 बजे पकड़ा गया और सोमवार को रात करीब 9 बजे छोड़ा गया लेकिन बच्चे के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया, जबकि 24 घंटे के अंदर-अंदर आरोपी को न्यायालय में पेश करने का कानून है।