Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Feb, 2018 10:54 AM
एक समय था, जब कैप्टन अमरेंद्र सिंह की पूरी शख्सियत प्रदेश की जनता को खूब भाती थी।
जालंधर (रविंदर शर्मा): एक समय था, जब कैप्टन अमरेंद्र सिंह की पूरी शख्सियत प्रदेश की जनता को खूब भाती थी। कैप्टन के दीदार भर करने से जनता को तमाम खुशियां मिल जाती थीं। लोग कैप्टन को मिलने से लेकर उन्हें हाथ तक लगाने की ख्वाहिशें रखते थे। कैप्टन के जलसों में तो भीड़ उमड़ती ही थी, कैप्टन के रोड शो का नजारा भी देखने लायक होता था। मगर कैप्टन के भरे जलसे आज खाली कुर्सियों में बदल चुके हैं। यह सब कुछ राजनीति के बदले स्वरूप व जनता से किए वायदा खिलाफी के कारण हुई है।
2017 विधानसभा चुनावों से पहले कैप्टन अमरेंद्र सिंह के जलसों में भारी भीड़ उमड़ती थी। जनता के साथ-साथ पार्टी के छोटे वर्कर व बड़े नेता तक कैप्टन को देखने व उन्हें सुनने के लिए आते थे और कैप्टन के जलवे पूरे मुकाम थे। कैप्टन जब अपने भाषणों में पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल को बलूंगड़ा कह कर सम्बोधित करते थे तो जनता खूब तालियां बजाती थी। कारण था कि पिछले 10 साल तक प्रदेश में रही अकाली-भाजपा सरकार से प्रदेश की जनता अपना मुख मोड़ चुकी थी और अकाली दल के खिलाफ या उनके नेताओं के खिलाफ कैप्टन के मुंह से निकले बोल जनता को खूब भाते थे। अपने भाषणों में कैप्टन ने चुनावों से पहले यहां तक ऐलान कर दिया था कि कांग्रेस की सरकार बनने के तुरंत बाद ही बड़े बादल, सुखबीर बादल और बिक्रमजीत मजीठिया को सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा।
सरकार बनते ही बिजली सस्ती कर दी जाएगी। सरकार बनते ही शहरी जनता पर लगे प्रापर्टी टैक्स को खत्म कर दिया जाएगा। सरकार बनते ही उद्योगपतियों व व्यापारियों की सभी समस्याएं दूर कर दी जाएंगी। सरकार बनते ही युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। वायदा तो हर घर एक नौकरी देने तक का कर दिया गया। सरकार बनते ही पैंशन 500 से बढ़ाकर 2500 कर दी जाएगी। प्रदेश की जनता को कैप्टन व कांग्रेस के यह मनलुभावने वायदे खूब भाए और प्रदेश की जनता ने अकाली व भाजपा को तीसरे नंबर पर धकेलते हुए भारी बहुमत से कांग्रेस को सरकार बनाने का फतवा दे दिया।
मगर आज कैप्टन सरकार को सत्ता में आए 11 महीने का समय हो चुका है। इन 11 महीनों में कैप्टन व उनकी सरकार सिर्फ सत्ता लोभ में ही डूबी हुई दिखाई दे रही है। दावे तो रोजाना कुछ न कुछ करने के किए जा रहे हैं मगर हैरानी की बात यह है कि इन 11 महीनों में जनता से किया एक वायदा भी कैप्टन सरकार पूरा नहीं कर पाई है। जनता की बात तो छोडि़ए, कैप्टन सरकार से पार्टी के ही नेता व विधायक तक खुश नहीं हैं। जिस कैप्टन के जलसों में एक आवाज पर कभी जनता की भीड़ उमड़ पड़ती थी, उसी कैप्टन के जलसों में अब कुर्सियां खाली रहने लगी हैं। महान सिख जरनैल सरदार शाम सिंह अटारीवाला के शहीदी दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय प्रोग्राम में खाली कुर्सियां कैप्टन के बदलते अक्स का जीता-जागता उदाहरण है।