Edited By Updated: 27 Mar, 2017 11:16 AM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने गत दिवस अादेेश दिए थे
जालंधरः शहर की सड़कों पर बेलगाम गाडिय़ां मौत बनकर दौड़ रहीं हैं। ट्रैफिक विभाग के तमाम प्रयासों के बाद भी सड़क हादसों में कमी नहीं आ रही है। बढ़ते हादसे के पीछे लोगों का तनाव ग्रस्त जीवन, ओवर स्पीड, नशा एवं अधूरे निर्माण कार्य प्रमुख वजह माना जाता है। इन हादसों को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा कई जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं। कैंप लगाकर ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी जाती है। नियमों का उल्लंघन करने पर गाड़ियों के चालान भी काटे जाते है। इसके बाद भी हादसों में कोई कमी नहीं आ रही है।
सुबह दिए सी.एम.ने सख्त अादेश,शाम को फिर घटा हादसा
शनिवार को बरनाला में घटे सड़क हादसे में चार लोग मारे गए थे, उसमें भी तेज गति ओरबिट बस शामिल थी। इसी प्रकार रविवार को मोड़ मंडी के समीप चार अौर व्यक्तियों की मौत हो गई थी जबकि दूध कंटेनर की टरैक्स क्रूज के साथ टक्कर हो गई जिसमें 18 व्यक्ति सवार थे। इन हादसों पर शोक व्यक्त करते पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने ट्रैफिक नियमों की उल्लंघना करने और तेज गति से चलने वाले वाहनों विशेष कर बसों के विरूद्ध कठोर कार्रवेाई करने के अादेश दिए । इन अादेशों के बाद शाम को जांलधर में फिर बड़ा हादसा हो गया। पी.ए.पी. चौक में रविवार देर रात हुए हादसे में मां समेत 2 बच्चों की मौके पर मौत हो गई। अब सवाल ये उठता है कि सी.एम.के अादेशों के बाद घटनाएं रोकने के लिए कितने इंतजाम होते हैं।
इसी प्रकार लोक निर्माण विभाग को भी राज्य के समूह मुख्य मार्गों, सड़कों व संपर्क सड़कों पर निर्धारित गति के अनुसार स्पीड ब्रेकर बनाने के साथ-साथ ओर आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा है ताकि सड़कीय हादसे घटाए जा सके। इन मामलों पर किसी भी प्रकार की ढील ना इस्तेमाल की चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को बस परमिटों को पुन: जांचने की प्रक्रिया में तेजी लाने के आदेश दिए हैं ताकि गैर-कानूनी बसों पर रोक लगाईज् जा सके। यह जांच प्रक्रिया जो आरंभ हो चुकी है, में पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की ओरबिट बसें भी शामिल हैं जो सुरक्षा के नियमों की धज्जियां उड़ाने कारण समय पर सुर्खियों में रही हैं।
पठानकोट क्रैशर से निकलती हैं गाड़िया
सुत्रों अनुसार ये ओवरलोड गाड़ियां पठानकोट क्रैशर से निकलती हैं। इन ट्रकों में 10 टन तक माल जाना होता लेकिन अाजकल इनमें 50 टन माल भरा जाता। इस अौर प्रशासन को ध्यान देने की जरुरत है।