Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jun, 2017 02:07 PM
पंजाब सरकार की तरफ से पंजाब के 5 व अढ़ाई एकड़ जमीन मालकी वाले किसानों के सिर्फ 2 लाख तक के फसली कर्जे खत्म करने के किए ऐलान को
मानसा (जस्सल): पंजाब सरकार की तरफ से पंजाब के 5 व अढ़ाई एकड़ जमीन मालकी वाले किसानों के सिर्फ 2 लाख तक के फसली कर्जे खत्म करने के किए ऐलान को भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने किसानों के साथ भद्दा मजाक करार देते सरकार से जोरदार मांग की है कि कर्ज मोडऩे से असमर्थ किसानों के सभी कर्जे तुरंत खत्म किए जाएं और जमीन की हद वाली शर्त न लगाई जाए।
इस संबंधी बयान जारी करते जत्थेबंदी के जिला मानसा के प्रधान राम सिंह भैणीबाघा ने कहा कि जो सरकार ने 5 व अढ़ाई एकड़ वाले किसानों के फ सली कर्जे खत्म करने का ऐलान किया है उसमें भी सख्त शर्तें रख दी हैं। चुनाव समय कैप्टन अमरेन्द्र ने खुद यह वायदा किया था कि सरकार बनते ही किसानों के समूचे कर्जे पर लकीर मारी जाएगी परन्तु अब 90 हजार करोड़ रुपए के ऋ णी किसानों को सिर्फ 1,500 करोड़ रुपए की राहत देने का जो ऐलान किया है इसको किसानों के साथ सरकार की तरफ से किया गया मजाक ही समझा जाएगा। किसान नेता ने कहा कि जत्थेबंदी कर्जे खत्म करवाने सहित किसानों की मांगों मसले हल करवाने के लिए जत्थेबंदक संघर्ष जारी रखेगी।
एक अलग बयान में भारतीय किसान यूनियन एकता डकौंदा के प्रांतीय अध्यक्ष बूटा सिंह बुर्ज गिल, पंजाब महासचिव जगमोहन सिंह पटियाला, प्रांतीय प्रैस सचिव गोरा सिंह भैणीबाघा ने कहा कि चुनाव दौरान कैप्टन ने खुद किसानों का सारा कर्ज माफ करने का वायदा किया था परन्तु इसके उल्ट सिर्फ 5 एकड़ तक वाले ही किसानों का 2 लाख का वह भी सिर्फ खेती के साथ सम्बन्धित माफ करने की बात की है। उन्होंने ऐलान किया कि जब तक पंजाब सरकार किसानों सिर चढ़ा सारा कर्ज माफ नहीं करती तब तक पंजाब की किसान जत्थेबंदियों का संघर्ष जारी रहेगा।