मनप्रीत को न खुदा ही मिला, न विसाले सनम

Edited By Updated: 06 Dec, 2016 09:34 AM

punjab assembly elections 2017

पंजाब में 2012 के विधानसभा चुनाव में यदि सबसे बड़े लूजर कोई थे तो वह थे पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल। 2007 में अकाली-भाजपा सरकार बनने

जालंधर: पंजाब में 2012 के विधानसभा चुनाव में यदि सबसे बड़े लूजर कोई थे तो वह थे पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल। 2007 में अकाली-भाजपा सरकार बनने के बाद मनप्रीत बादल को वित्त मंत्री बनाया गया था लेकिन राज्य में सबसिडी और वित्त से जुड़े मुद्दों पर मनप्रीत और मुख्यमंत्री के मध्य मतभेद पैदा हो गए और उन्होंने वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा देकर अपने सियासी रास्ते अलग कर लिए। 


मनप्रीत ने विधानसभा चुनाव में अकाली दल को टक्कर देने के लिए पीपल्ज पार्टी ऑफ  पंजाब का गठन किया। मनप्रीत के साथ उस वक्त भगवंत मान भी इस पार्टी में शामिल थे। मनप्रीत 2 विधानसभा सीटों से चुनाव मैदान में उतरे और दोनों सीटों से चुनाव हार गए। हालांकि उनकी पार्टी पहले चुनाव में ही करीब 6 फीसदी वोट हासिल करने में सफ ल रही लेकिन उनका एक भी उम्मीदवार चुनाव में जीत दर्ज नहीं कर सका। मनप्रीत को गिद्दड़बाहा सीट से 31,822 वोट हासिल हुए और वह तीसरे स्थान पर रहे जबकि मौड़ विधानसभा सीट से उन्हें 26,366 वोट हासिल हुए। 

यहां भी उन्हें तीसरा स्थान हासिल हुआ। मनप्रीत ने अकाली दल को सत्ता से हटाने के मकसद से पार्टी का गठन किया लेकिन उनकी पार्टी के द्वारा विभाजित किए गए वोट के चलते कांग्रेस 9 सीटों पर हार गई और कांग्रेस की हार से अकाली दल की जीत का मार्ग प्रशस्त हुआ। मनप्रीत बादल जहां 2007 की सरकार में वित्त मंत्री थे, वहीं 2012 के चुनाव एक बाद वह विधायक भी नहीं बन सके। इस बीच उनकी पार्टी भी बिखरनी शुरू हो गई और उनकी पार्टी के कई नेताओं ने अकाली दल ज्वाइन कर लिया जबकि कुछ कांग्रेस में चले गए। अंत में मनप्रीत ने खुद भी कांग्रेस ज्वाइन कर ली। 

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