Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Oct, 2017 11:31 AM
संगरूर जिला के छोटे पटाखा विक्रेताओं को हाईकोर्ट ने दीवाली तोहफा दिया है। संगरूर जिला प्रशासन द्वारा पटाखों की सेल के लिए टैंपरेरी लाइसैंस जारी नहीं किए जाने की कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट का यह बड़ा फैसला आया है। हाईकोर्ट जस्टिस...
चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): संगरूर जिला के छोटे पटाखा विक्रेताओं को हाईकोर्ट ने दीवाली तोहफा दिया है। संगरूर जिला प्रशासन द्वारा पटाखों की सेल के लिए टैंपरेरी लाइसैंस जारी नहीं किए जाने की कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट का यह बड़ा फैसला आया है। हाईकोर्ट जस्टिस राजबीर सहरावत ने मामले में अपने अहम आदेशों में कहा कि संगरूर जिले के याचियों समेत उनकी तरह छोटे विक्रेताओं को 2 दिन के लिए दीवाली 19 अक्तूबर तक पटाखे बेचने की मंजूरी दी जाती है। वहीं याची एवं उनके समान विक्रेताओं को भारी धमाके वाले पटाखे बेचने की इजाजत नहीं होगी।
हाईकोर्ट ने कहा कि याचियों समेत ऐसे लोगों को पिछले वर्षों को देखते हुए पटाखे बेचने से वंचित नहीं रखा जा सकता। हालांकि हाईकोर्ट ने कहा कि मामला डिविजन बैंच के समक्ष लंबित है और बैंच की भावना व आदेश पटाखों के अत्यधिक इस्तेमाल को निरुत्साहित करते हैं। याचियों समेत उनके समान लोगों को असीमित मात्रा में पटाखे बेचने की मंजूरी नहीं दे सकते। हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया। केस की सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष की तरफ से संगरूर के डिप्टी कमिश्नर का एफिडैविट पेश किया गया। जिसमें याची पक्ष की दलीलें सही साबित हुई की टैंपरेरी लाइसैंस के लिए कोई आवेदन नहीं लिए गए। बताया गया कि हाईकोर्ट आदेशों के अनुरूप ही कोई आवेदन नहीं लिया गया, क्योंकि पिछले वर्ष संगरूर में कोई टैंपरेरी लाइसैंस जारी नहीं हुए इसलिए इस वर्ष 20 प्रतिशत लाइसैंस जारी नहीं हो सकते थे। जिसकी वजह से आवेदन नहीं लिए गए।
वहीं कहा गया कि पटाखे बेचने की कार्रवाई को हाईकोर्ट आदेशों के पीछे की भावना को ध्यान में रखते हुए निरुत्साहित किया जाना चाहिए। याची पक्ष की तरफ से एडवोकेट अमन बंसल ने कहा कि यदि संगरूर प्रशासन ने टैंपरेरी लाइसैंस के लिए आवेदन मांगे होते तो उन्होंने अवश्य आवेदन भरा होता। लाइसैंस प्राप्त करने की कार्रवाई के लिए समय नहीं बचा है। ऐसे में याचियों समेत उनके समान लोगों को सीमित मात्रा में पटाखे बेचने की अनुमति दी जाए। कहा गया कि अब सिर्फ दीवाली का दिन बचा है। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पाया कि प्रशासन ने पटाखों की सेल को लेकर आवेदन नहीं मांगे। संगरूर में इससे पहले अस्थायी लाइसैंस जारी नहीं हुए थे, बल्कि प्रशासन केवल पटाखों की बिक्री को लेकर जगह अलॉट करता था संगरूर के लखविंद्र सिंह व दीपक कुमार ने केंद्र सरकार, पंजाब सरकार, डिप्टी कमिश्नर, संगरूर और एस.एस.पी. संगरूर को पार्टी बनाते हुए यह याचिका दायर की थी।