video-संभाल न होने से पंजाब एग्रो की करोड़ों की गेहूं खराब

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Nov, 2017 08:45 AM

एक तरफ जहां देश के बहुसंख्यक लोगों को खाने के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ न होने से वे भूखे ही जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं, वहीं देश में सरकारी अनाज की सही संभाल न होने के कारण यह अनाज नीले आसमान के नीचे पड़ा गल रहा है।

मोगा/कोट सदर खां (ग्रोवर): एक तरफ जहां देश के बहुसंख्यक लोगों को खाने के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ न होने से वे भूखे ही जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं, वहीं देश में सरकारी अनाज की सही संभाल न होने के कारण यह अनाज नीले आसमान के नीचे पड़ा गल रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि लंबे समय से खुले प्लिथों में रखे अनाज के खराब होने संबंधी सरकारी अधिकारियों को सब कुछ पता होने के बावजूद इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। 

‘पंजाब केसरी’ की ओर से हासिल की जानकारी के अनुसार जिले के कस्बा कोटईसे खां के नजदीकी गांव कोट सदर खां के बिल्कुल साथ स्थित पंजाब एग्रो का खुले प्लिथों में पड़ी गेहूं इतनी खराब हो गई है कि गेहूं की बोरियां फटने के साथ-साथ इनमें पड़े गेहूं के दाने भी काले हो गए हैं, जिस कारण यह गेहूं अब खाने योग्य नहीं रही है। सूत्रों के अनुसार 2015-15 दौरान कोटईसे खां क्षेत्र की दाना मंडियों में किसानों से खरीद की गई गेहूं को इन ओपन प्लिथों में सांभ-संभाल के लिए रखा गया था लेकिन अधिकारियों की कथित लापरवाही के कारण करोड़ों रुपए की गेहूं न खाने योग्य हो गई है।

विभागीय सूत्रों से एकत्रित ब्यौरों अनुसार इस प्लिथों में अभी भी 83,984 बोरियों में लगभग 42 हजार क्विंटल गेहूं पड़ी है। 2 वर्ष पहले जब इस गेहूं को संभाल के लिए ओपन प्लिथों में लगाया गया था तो उस समय गेहूं का भाव 1400 रुपए प्रति क्विंटल था, जिस कारण विभाग का 5 करोड़ 90 लाख के लगभग गेहूं खराब हो गई है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब इस गेहूं को अलग-अलग 4 कैटागरियां बनाकर टैंडरों द्वारा फीड फैक्टरियों तथा इंडस्ट्रीज के लिए बेचने की योजनाबंदी की जा रही है। इस तरह की बनी स्थिति के कारण विभाग को लाखों रुपए का चूना लगने का खदशा खड़ा हो गया है।

विभागीय सूत्रों ने तो इस बात को भी बेपर्द किया है कि कोटईसे खां नजदीक पहले भी पंजाब एग्रो का करोड़ों रुपए का माल खराब हो गया था, जिसको चाहे विभाग ने टैंडरों द्वारा घाटे पर उठवा तो दिया है लेकिन इस समय बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिरकार बार-बार खराब हो रही गेहूं को रोकने के लिए विभाग ने जरूरी कदम क्यों नहीं उठाए।

आपने खबर लगाकर क्या करना है, गेहूं का टैंडर तो हो ही जाना है : प्लिथों इंचार्ज
इस मामले संबंधी जब ओपन प्लिथों के इंचार्ज मोती लाल से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि आपने खबर लगाकर क्या करना है खराब गेहूं का टैंडर तो हो ही जाना है। जब प्लिथों इंचार्ज से यह पूछा कि आखिरकार बार-बार ओपन प्लिथों की गेहूं क्यों खराब होती है तो उन्होंने अपने आपको बीमार बताते तुरंत ही फोन काट दिया।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!