Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Feb, 2018 09:14 AM
एक मनुष्य के जीवन में पानी का विशेष महत्व है। बिना पानी के किसी मनुष्य का जीवित रहना संभव नहीं है। आज के इस प्रदूषित वातावरण के दौरान स्वच्छ पानी की अहमियत पहले से भी कहीं अधिक बढ़ गई है। पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी के माइक्रोबॉयोलाजी विभाग ने एक...
लुधियाना( सलूजा): एक मनुष्य के जीवन में पानी का विशेष महत्व है। बिना पानी के किसी मनुष्य का जीवित रहना संभव नहीं है। आज के इस प्रदूषित वातावरण के दौरान स्वच्छ पानी की अहमियत पहले से भी कहीं अधिक बढ़ गई है। पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी के माइक्रोबॉयोलाजी विभाग ने एक ऐसी पानी टैसिं्टग किट तैयार की है। जिसका इस्तेमाल आप घर बैठे ही करके पानी की शुद्धता जान पाएगें।
कौन-कौन से होते हंै रोग फैलाने वाले कीटाणु
पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी के माइक्रोबॉयोलाजी विभाग से मिली जानकारी अनुसार पानी में ई-कोलाई, एंटेरोकोक्स, कलैबसीऐला, एरोमनास, यरसिनिया, एंटेरबकेटर, स्टेफाइलोकसिस, कैमपाईलोबैक्टर, लिस्टििरिया, सानमोनेला और शाईगेला आदि रोग फैलाने वाले कीटाणू पानी में होते है।
मनुष्य भी हो सकता है बीमारियों का शिकार
प्रदूषित पानी पीने से टाइफाइड, दस्त, टी.बी., हैजा, पीलिया और आंतडिय़ों की सोजिश आदि रोगों से मनुष्य पीड़ित हो सकता है। समय पर उचित इलाज न होने से जीवन खतरे में भी पड़ सकता है।
48 घंटों में जाने, पानी पीने लायक या नहीं
पी.ए.यू. के माइक्रोबॉयोलाजी विभाग द्वारा तैयार की गई किट का इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है। वैज्ञानिकों के मुताबिक किट को दिए गए निशान तक भरे और उसके बाद 48 घंटों तक इस किट को कमरे के तामपान में रखें। यदि किट का पानी जामनी रंग का हो जाए तों फिर पानी पीने योग्य होगा। लेकिन यदि पानी का रंग पीला पड़ जाए तों वह पानी बिल्कुल ही पीने योग्य नहीं होगा।