Edited By Updated: 29 Mar, 2017 04:50 PM
आम आदमी पार्टी के चीफ व्हिप सुखपाल खैहरा अाज फिर विधानसभा सत्र दौरान सरकार की नीतियों को लेकर तिलमिला उठे।
चंडीगढ़ः पंजाब विधानसभा में आज फिर आम आदमी पार्टी के विधायकों ने बैंस बंधुआें की सीट को लेकर सदन में हंगामा किया। बैंस बंधू अपनी सीट आप के विधायकों के पास करने की मांग की है। स्पीकर राणा कंवरपाल सिंह द्वारा इसे ठुकराए जाने के बाद आप विधायक और बैंस बंधू सदन की फर्श पर बैठ गए।
विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो बैंस बंधुआें बलविंदर सिंह बैंस आैर सिमरजीत सिंह बैंस ने सदन में अपनी सीटें आप विधायकों के साथ करने की मांग की। उनका कहना था कि उनकी लोक इंसाफ पार्टी का आम आदमी पार्टी के साथ विधानसभा चुनाव में गठबंधन था। अतएव, दोनों दलों के सदस्यों को एक साथ सीेटें दी जानी चाहिए। पिछले विधानसभा में भी गठबंधन दलाें अकाली दल और भाजपा के सदस्यों की सीटें एक साथ थीं।
वहीं पार्टी चीफ व्हिप सुखपाल खैहरा सरकार की नीतियों को लेकर तिलमिला उठे। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष गैर संवैधानिक रवैया अपना रहे हैं और सीटों को लेकर भेदभाव किया जा रहा है। खैहरा ने कहा हमें किसी विषय पर भी बोलने का मौका नहीं दिया गया।
अाप नेता ने कहा स्पीकर ने कल उनसे सीटों को लेकर समीक्षा करने को कहा था लेकिन आज बैंस ब्रदर्स को उनके साथ बैठने से मना किया गया जिसके चलते हमने वेल में जाकर इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए अपने अधिकारों के लिए रात विधानसभा में जाग कर विरोध जताया था अौर उन्हें बोलने का मौका तक नहीं दिया जा रहा।
खैहरा ने कहा लोक इंसाफ पार्टी विधायक सिमरजीत बैंस वोट ऑन अकाऊंट पर बोलना चाहते थे लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया। उन्होंने एजी पंजाब की नियुक्ति पर उठाए सवाल अौर कहा अतुल नन्दा दिल्ली के रहने वाले है और कैप्टन परिवार के ज्यादातर केस वही देखते है। खैहरा ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री को पंजाब के लिए कोई भी वरिष्ठ अधिवक्ता नहीं मिला।
नेता विपक्ष एच.एस. फुल्का ने कहा कि बीजेपी विधायकों को अकाली दल विधायकों के साथ बिठाया गया लेकिन लोक इंसाफ पार्टी विधायकों को आदमी पार्टी विधायको के साथ नहीं बिठाया गया। उन्होंने कहा सरकार बैंस ब्रदर्स से डर गई इसलिए उन्हें आप के साथ इकट्ठे नहीं होने दिया जा रहा। फुल्का ने कहा विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है,जो सरकार की धक्केशाही है। विपक्ष की आवाज दबाकर तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है।