Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Jan, 2018 09:55 AM
जैसे ही वर्ष 2017 का सूर्य उदय हुआ था लोगों ने जश्न मनाया व नए वर्ष के आगाज पर कई कार्यक्रम आयोजित हुए जैसा कि अब वर्ष 2018 को लेकर लोगों में उत्साह बना हुआ है लेकिन किसी को नहीं मालूम कि यह वर्ष शुभ होगा या अशुभ होगा परन्तु कामना शुभ के लिए भी की...
बठिंडा (विजय): जैसे ही वर्ष 2017 का सूर्य उदय हुआ था लोगों ने जश्न मनाया व नए वर्ष के आगाज पर कई कार्यक्रम आयोजित हुए जैसा कि अब वर्ष 2018 को लेकर लोगों में उत्साह बना हुआ है लेकिन किसी को नहीं मालूम कि यह वर्ष शुभ होगा या अशुभ होगा परन्तु कामना शुभ के लिए भी की जाती है। 2017 में कुछ ऐसी घटनाएं घटित हुईं जिसे कई दशकों तक याद रखा जाएगा जिनमें मुख्य तौर पर मौड़ बम ब्लास्ट, पंजाब के चुनाव, कोटफत्ता में तांत्रित पिता व दादी द्वारा पोता-पोती की हत्या, रामपुरा में चलती बस में लगी आग, डेरा मुखी गिरफ्तार, हनीप्रीत गिरफ्तार, हाईवे पर बड़ी दुर्घटना, गैंगस्टरों से मुठभेड़ आदि शामिल हैं। 2017 में कांग्रेस ने सत्ता संभाली व बठिंडा के विधायक मनप्रीत बादल को वित्त मंत्रालय मिला। अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के लगातार 10 वर्ष सत्ता में रहने से पंजाब के लोगों को छुटकारा मिला, पंजाब के लोगों में नई सरकार के साथ नई आशाएं बंधी।
रामपुरा में चलती बस में लगी आग
2017 की भयानक घटना जिसे याद कर आज भी कलेजा बाहर आने को करता है। यह घटना 1& मई की है जब एयर कंडीशनर आर.टी.सी. कम्पनी की बस ने बङ्क्षठडा से सवारियों को उनके मुकाम तक ले जाने के लिए कूच की तो रामपुरा फाटक के पास शार्ट सॢकट से बस आग की चपेट में आ गई। इस घटना में 5 यात्री बुरी तरह झुलस गए जिन्हें पहचान पाना भी मुश्किल था जबकि 22 यात्री गंभीर जख्मी हुए। यह हादसा शाम लगभग 6.40 बजे हुआ। चालक ने बस को रोकने की बजाय बस की रफ्तार तेज कर दी जिस कारण आग पूरी बस में फैल गई। यात्री चिल्लाते रहे पर ड्राइवर रेस देता रहा।
सत्ता बदली, दिशा बदली, क्या खोया, क्या पाया?
वर्ष 2017 की 4 जनवरी को चुनाव आयोग द्वारा चुनाव आचार संहिता लागू की गई जिससे प्रदेश में चुनावों का माहौल भीषण सर्दी के बावजूद गर्माया। बेशक चुनाव 4 फरवरी को हुए जिसके नतीजे 11 मार्च को घोषित किए गए जो सर्वे के उलट हुए। कांग्रेस को 77 सीटें मिलीं, ‘आप’ को 20 जबकि अकाली-भाजपा गठबंधन 18 पर ही सिमट गया जबकि 2 सीटें अन्य पार्टी को मिलीं। बठिंडा शहरी सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता व अकाली दल को अलविदा कहकर आए पूर्व उपमुख्य मंत्री सुखबीर सिंह बादल के चचेरे भाई मनप्रीत सिंह बादल ने अपनी किस्मत दाव पर लगाई। शहर के लोगों में कांग्रेस प्रति उत्साह उमड़ा और मनप्रीत बादल 18480 के भारी बहुमत से विजयी हुए जबकि आम आदमी पार्टी के दीपक बांसल दूसरे व अकाली दल के सरूप सिंगला तीसरे नंबर पर रहे। सत्ता बदली लोगों ने खुशी मनाई व दिशा बदलने की आशा जगाई। जहां अकाली दल ने सत्ता खोई, वहीं कांग्रेस ने 10 वर्षों बाद पंजाब की वागडोर संभाली। कांग्रेस सरकार को लेकर लोगों ने राहत की सांस ली खास तौर पर व्यापारिक वर्ग का उत्साह देखने लायक था।
मौड़ बम कांड का रहस्य एक वर्ष बाद भी बरकरार
नए वर्ष 2017 के शुरूआती दौर में ही बङ्क्षठडा जिले की मौड़ मंडी में एक भयानक बम ब्लास्ट हुआ जिसमें 6 लोगों की मौत हुई व 1& लोग गंभीर जख्मी हुए। &1 जनवरी 2017 को मौड़ मंडी में कांग्रेस के प्रत्याशी हरमिंद्र सिंह जस्सी चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे कि रात्रि 8.&0 बजे आर.डी.एक्स. से एक बड़ा धमाका हुआ जिससे अफरा-तफरी फैल गई। यह बम कुकर में रखकर एक पुरानी खटारा कार में फिट किया गया था, असमाजिक तत्वों का लक्ष्य हरमिंद्र सिंह जस्सी पर हमला करना था लेकिन वह तो बच गए लेकिन उनके पी.ए. के इस ब्लास्ट में परख"ो उड़ गए। लगभग 1 वर्ष गुजरने के बाद भी मौड़ बम ब्लास्ट का रहस्य अभी बरकरार है जिसे सुलझाने के लिए एन.आई.ए. तक ने जोर लगा लिया परन्तु कोई भी सुराग नहीं मिला।
बम कांड की गुत्थी सुलझाने के लिए विभिन्न टीमों में 800 से अधिक पुलिस कर्मी लगाए गए जिनमें खूफिया एजैंसिंयों में लोग भी शामिल किए गए थे परन्तु अभी तक पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा। सुराग ढूंढते हुए पुलिस को इसके तार सिरसा से जुड़े होने का भी पता चला क्योंकि बम में उपयोग किया गया कूकर सिरसा से ही खरीदा गया था, लेकिन पुलिस की जांच इससे आगे नहीं बढ़ पाई जिस कारण यह घटना फाइलों में ही दबकर रह गई।
अर्श से फर्श पर पहुंचे राम रहीम
वर्ष 2017 सच्चा सौदा के डेरा मुखी के लिए भारी पड़ा। अपने डेरा प्रेमियों पर राज करने वाले बाबा राम रहीम एक दम अर्श से फर्श पर आ गिरे। अपने 5 करोड़ अनुयायीयों का दावा करने वाले डेरा मुखी पर 2 डेरा साध्वियों के यौन शोषण के आरोप लगे जिसके चलते 25 अगस्त को उन्हें दोषी करार दिया गया जबकि 28 अगस्त को दोनों मामलों में 10-10 वर्ष की कैद व 20 लाख रुपए जुर्माने की सजा दी गई। सजा का ऐलान होते ही डेरा प्रेमी आस्था की भावना में बहकर जान की बाजी लगाने पर उतारू हुए और उन्होंने आगजनी के जरिए अपना गुस्सा उतारने की कोशिश की लेकिन 30 लोग पुलिस की गोलियों का शिकार हुए और उन पर काबू पाया गया। सबसे पहले बठिंडा के बल्लूआना को निशाना बनाते हुए डेरा प्रेमियों ने रेलवे स्टेशन को आग लगाई। उसके बाद हरियाणा व पंजाब के कुछ अन्य स्थानों पर भी दंगे हुए। डेरा मुखी की मुंह बोली बेटी हनीप्रीत पर भी पुलिस ने देशद्रोह का मामला दर्ज किया। पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए छापामारी करती रही। आखिर & अक्तूबर को हनीप्रीत गिरफ्तार हुई। 5 अक्तूबर को हनीप्रीत को बठिंडा लाया गया जहां उसे डेरा समर्थकों ने उसे शरण दी थी। पूरे देश की निगाहें हनीप्रीत पर थीं जिसने दावा किया कि वह 7 दिन बठिंडा में छिपी रही।
33 वर्ष बाद बठिंडा में लगा कफ्र्यू
डेरा मुखी मामले में हालात इस कदर बिगड़े कि 33 वर्ष बाद बठिंडा को कर्फ्यू का तंज झेलना पड़ा। इससे पहले नीला तारा आप्रेशन के दौरान 3 जून 1985 को बठिंडा के लोगों को कर्फ्यू देखने को मिला था, जिसे लोग भूल चुके थे लेकिन डेरा मुखी प्रकरण के चलते जिलाधीश बठिंडा दीपर्वा लाकरा ने एहतियात के तौर पर कफ्र्यू लगाया जो लगातार 4 दिन चलता रहा। लेकिन इस दौरान कोई भी घटना नहीं हुई परन्तु युवा पीढ़ी को कर्फ्यू जरूर देखने को मिला।
कोटफत्ता में तांत्रिक पिता व दादी द्वारा पोता-पोती की हत्या
काला जादू में विश्वास रखने वाले कोटफत्ता के तांत्रिक दादी व उसके बेटे ने मिलकर पोता-पोती रणजोध व अनामिका की गला घोंटकर हत्या कर दी थी जिससे पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी। मामला 8 मार्च 2017 का है जब तांत्रिक पिता कुलविंद्र सिंह व दादी निर्मल कौर ने अपने जिगर के टुकड़ों को इसलिए मार डाला कि वह उसे फिर जिंदा करेंगे, लेकिन विज्ञान व धार्मिकता में ऐसा संभव नहीं और दोनों छोटे-छोटे बच्चे दुनिया देखने से पहले ही पिता व दादी की तांत्रिक विद्या के शिकार हुए।
गैंगस्टरों से मुठभेड़
वर्ष 2017 के अंतिम महीने 15 दिसम्बर को बठिंडा में गैंगस्टरों ने एक बड़ी घटना को अंजाम दिया। लूटी हुई स्कोॢपयो गाड़ी में 5 गैंगस्टर भुच्चो मंडी के पास आए जिन्होंने गन प्वाइंट पर सुनाव निवासी की फाच्र्यूनर गाड़ी लूट ली। पुलिस को सूचना मिलते ही गैंगस्टरों की घेराबंदी शुरू हुई। गांव गुलाबगढ़ के पास गैंगस्टरों व पुलिस के बीच भयानक मुठभेड़ हुई, जिसमें 2 गैंगस्टर मारे गए जबकि एक के माथे पर गोली लगी जो अभी उपचाराधीन है। मुकाबले दौरान पुलिस ने 2 गैंगस्टरों को जो स्कूल में छिपे थे, को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया। जो अब जेल की हवा खा रहे हैं। अगर पुलिस से इन गैंगस्टरों का मुठभेड़ न होती तो वे बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते थे लेकिन पुलिस ने उनके मनसूबे कामयाब नहीं होने दिए और बहादुरी से उनका मुठभेड़ किया।
नशे के चलते नौजवान को काटकर सड़क पर फैं का
योजनावद्ध तरीके से नशा तस्करी के नाम पर गांव भागीवांदर के नौजवान मोनू अरोड़ा को गांव के ही कुछ लोगों ने काटकर मरने के लिए सड़क पर फैंक दिया। उसकी टांगे व बाजू काट दी गईं व शरीर पर तेजधार हथियारों से इतने घाव दिए जिसे गिनना भी मुश्किल था। यह घटना 9 जून की है जब महिला सरपंच के बेटे ने अपने कुछ साथियों के साथ रंजिश के चलते मोनू अरोड़ा का अपहरण किया व जोधपुर सूए के पास उसे बुरी तरह तेजधार हथियारों से काट डाला। खून से लथपथ घायल मोनू अरोड़ा को वहां से उठाकर भागीवांदर गांव के बीचों-बीच सड़क पर फैंक दिया और ऊंची आवाज में कहा कि इसके किए की सजा दी गई है। पुलिस ने पहले तो आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया लेकिन परिजनों ने जब सामूहिक आत्महत्या की धमकी दी तो पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
हाईवे पर बड़ी दुर्घटना से दहला बठिंडा
8 अक्तूबर 2017 का दिन बठिंडा के इतिहास में काले पन्नों में दर्ज होगा जिस दिन स्मॉग के कारण एक बड़ी दुर्घटना हुई जिसमें कालेज में पढऩे वाले 10 छात्रों को पत्थरों से भरे टिप्पर ने कुचलकर मार डाला। स्मॉग के कारण राष्ट्रीय मार्ग 7 पर यात्रियों से भरी लिबड़ा बस की अन्य बस से टक्कर हुई। सभी सवारियां बस से उतरकर दूसरी बस के इंतजार में बैठी थीं तभी पत्थरों से भरा निजी कम्पनी का टिप्पर अनियंत्रित होकर सड़क के किनारे खड़ी सवारियों पर जा चढ़ा जिसमें रामपुरा के 10 छात्रों की मौत हुई। इन युवा छात्रों की मौत उनके परिवार वालों के लिए वह दिन काल के रूप में आया था जिसे इतिहास के काले पन्नों में ही दर्ज किया गया। इस घटना को याद करते ही रोंगटे खड़े होने लगते हैं।