‘आप’ के मंसूबों पर पंजाब की जनता ने लगाई ब्रेक

Edited By Updated: 12 Mar, 2017 11:31 AM

punjab  s people put brakes on the issues of   aap

भारतीय राजनीति के परिदृश्य में एकाएक उभरी आम आदमी पार्टी के विस्तारीकरण के मंसूबों पर पंजाब की जनता ने ब्रेक लगा दी।पंजाब विधानसभा चुनाव के रिजल्ट से पहले 100 सीटों पर जीत का दावा और 14 या 15 मार्च को शपथ ग्रहण समारोह की घोषणा करने वाली ‘आप’ को 20...

चंडीगढ़(शर्मा): भारतीय राजनीति के परिदृश्य में एकाएक उभरी आम आदमी पार्टी के विस्तारीकरण के मंसूबों पर पंजाब की जनता ने ब्रेक लगा दी।पंजाब विधानसभा चुनाव के रिजल्ट से पहले 100 सीटों पर जीत का दावा और 14 या 15 मार्च को शपथ ग्रहण समारोह की घोषणा करने वाली ‘आप’ को 20 सीटों पर जीत से संतोष करना पड़ा है। पार्टी के बड़े नेताओं भगवंत मान, जरनैल सिंह, हिम्मत सिंह शेरगिल, जिन्हें पार्टी ने दिग्गजों के खिलाफ उतारकर उनमें मुख्यमंत्री पद की लालसा पैदा कर दी थी, को भी जनता ने नकार दिया है। हालांकि शिअद-भाजपा गठबंधन के इससे भी बुरे प्रदर्शन के चलते अब पार्टी के एक नेता को विरोधी दल के नेता का स्टेटस मिल सकेगा।

एन.आर.आइज का भी डूबा पैसा
इस चुनाव में पार्टी समर्थक एन.आर.आइज ने तन-मन व धन से पार्टी को सहयोग किया था। दूसरे दलों के मुकाबले ‘आप’ समर्थक एन.आर.आइज न सिर्फ चुनाव प्रचार के दौरान पूरे पंजाब में डटे रहे बल्कि विदेशों से स्पैशल विमान हायर कर पंजाब पहुंचे थे। पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद विदेशों में रह रहे पंजाबी मूल के एन.आर.आइज के इस चुनाव प्रचार व पार्टी सहयोग में लगे करोड़ों रुपए भी एक तरह से डूब गए। 
हालांकि पार्टी के ओवरसीज एन.आर.आई. सैल के संयोजक जोवन रंधावा का कहना है कि एन.आर.आइज के सहयोग को धन के साथ जोडऩा सही नहीं होगा क्योंकि वे स्वेच्छा से पार्टी की सोच के साथ जुड़े हैं।

हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में एंट्री करने का विचार त्यागा

दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद पंजाब के रास्ते पार्टी के देशव्यापी विस्तारीकरण के सपने संजोए बैठी ‘आप’ ने इन नतीजों के बाद अब पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में इसी वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में एंट्री करने का विचार त्याग दिया है। पार्टी ने पहले ही तय किया था कि हिमाचल में पार्टी प्रवेश पंजाब के नतीजों पर तय होगा। यही नहीं, जल्द ही होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनाव व गुजरात विधानसभा के चुनाव, जिसमें भाग लेने की पार्टी पहले ही घोषणा कर चुकी है, में पार्टी के प्रदर्शन पर असर पडने के आसार बढ़ गए हैं। 

ये रहे ‘आप’ की हार के मुख्य कारण
राज्य में सत्तासुख के सपने संजोने वाली ‘आप’ हार को इस कदर नहीं पचा पा रही कि मतगणना की शुरूआत में ही चुनाव नतीजों के संकेत सामने आने पर जहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं संजय सिंह व दुर्गेश पाठक ने चंडीगढ़ दौरा स्थगित कर दिया, वहीं प्रतिक्रिया के लिए मोबाइल पर भी उपलब्ध नहीं हुए। 
सूत्रों के अनुसार परिणामों में हुई फजीहत के मुख्य कारण केजरीवाल व अन्य दिल्ली नेताओं संजय सिंह व दुर्गेश पाठक के हाथ पावर सैंट्रलाइजेशन, जीत के प्रति नेताओं का अतिविश्वास, टिकट बंटवारे में पारदॢशता की कमी, प्रभावी स्थानीय लीडरशिप को पनपने न देना, प्रदेश पार्टी संयोजक सुच्चा सिंह छोटेपुर पर लगे आरोपों की जांच किए बिना उन्हें पार्टी से अलग करना, केजरीवाल का पंजाब दौरे के दौरान कथित आतंकवादी के घर पर ठहरना और चुनाव के दौरान दिल्ली सरकार के मंत्रियों व अन्य पार्टी नेताओं के कारनामे सार्वजनिक होना रहे हैं।

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