Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jul, 2017 03:39 PM
शहीद भाई मनि सिंह सरकारी अस्पताल को 2 वर्षों के इंतजार के बाद मनोचिकित्सक मिला है। मनोचिकित्सक की नियुक्ति से मरीजों को भारी राहत मिली
भटिंडा(पायल): शहीद भाई मनि सिंह सरकारी अस्पताल को 2 वर्षों के इंतजार के बाद मनोचिकित्सक मिला है। मनोचिकित्सक की नियुक्ति से मरीजों को भारी राहत मिली है क्योंकि अब तक वे मजबूरन निजी अस्पतालों से उपचार करवा रहे थे।
2 वर्ष ठप्प रही सेवाएं
मनोचिकित्सक के अभाव में गत 2 वर्षों से सरकारी अस्पताल में मनोचिकित्सक सेवाएं ठप्प रहीं और नॄसग स्टाफ के सहारे से ही जैसे-तैसे काम चलाया जाता रहा। स्थिति से परेशान मरीजों ने उपचार हेतु मजबूरीवश निजी अस्पतालों का रुख करना शुरू कर दिया मगर अब अस्पताल के कमरा नं.-5 में मनोचिकित्सक डा. अरुण बांसल (एम.डी.साइकेट्री) ने मरीजों को सेवाएं देनी शुरू कर दी हैं, जिसका पता चलने से मरीजों ने निजी अस्पतालों से किनारा करते हुए सरकारी अस्पताल में पहुंचना शुरू कर दिया है।
रोजाना पहुंच रहे 15 से 20 मरीज
मनोचिकित्सक सेवाएं शुरू होने से अब रोजाना अस्पताल में उक्त रोग से संबंधित 15 से 20 मरीज पहुंच रहे हैं। अधिकांश मरीज दिमागी रोगों व सिर दर्द से संबंधित हैं। डा. बांसल द्वारा मरीजों की काऊंसलिंग के साथ-साथ उनकी दवाएं शुरू करवाई जा रही हैं। उनका कहना है कि ज्यादातर मरीज मानसिक परेशानी से ग्रस्त हैं, जिन्हें पहले काऊंसलिंग और फिर हलकी दवा देकर ठीक किया जाता है। उन्होंने बताया कि अभी 15 से 20 मरीज रोजाना सेवाएं ले रहे हैं जबकि मरीजों की संख्या बढऩे की प्रबल संभावना है।
अब न बंद हो सेवा: मरीज
मरीज की वारिस कुलविंद्र कौर ने मनोचिकित्सक सेवाएं शुरू होने पर खुशी जताते हुए कहा कि वे गरीब लोग हैं और अब तक निजी अस्पतालों में उपचार करवाकर वे हजारों रुपए गंवा चुके हैं। सरकारी अस्पताल में उपचार सस्ता व बढिय़ा है इसलिए अब विभाग इन सेवाओं को बंद न करें और नियमित रूप से जारी रखें, ताकि गरीब मरीजों को लाभ मिल सके।