Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Mar, 2018 09:19 AM
कहते हैं कि शिक्षा के ज्ञान की प्राप्ति के लिए कोई उम्र नहीं होती। इस बात को सच्च कर दिखाया है लुधियाना के हैबोवाल की रहने वाली 44 वर्षीय रजनी ने, जो अपने 16 वर्षीय बेटे दीपक के साथ सरकारी हाई स्कूल हैबोवाल कलां में 10वीं कक्षा की परीक्षा दे रही हैं।
लुधियाना(सलूजा): कहते हैं कि शिक्षा के ज्ञान की प्राप्ति के लिए कोई उम्र नहीं होती। इस बात को सच्च कर दिखाया है लुधियाना के हैबोवाल की रहने वाली 44 वर्षीय रजनी ने, जो अपने 16 वर्षीय बेटे दीपक के साथ सरकारी हाई स्कूल हैबोवाल कलां में 10वीं कक्षा की परीक्षा दे रही हैं।
19 वर्ष पहले पास की 9वीं कक्षा
आज फिजीकल एजुकेशन का पेपर देने के बाद रजनी ने भावुक होते हुए बताया कि उसने 19 वर्ष पहले तरनतारन के आर्य गल्र्स हाई स्कूल से 9वीं कक्षा की परीक्षा पास की थी। उस समय पारिवारिक परेशानी के कारण वह 10वीं के पेपर नहीं दे सकी।
पति ने किया प्रेरित
अब उसने अपने पति राज कुमार की प्रेरणा से फिर से पढ़ाई शुरू की है। पिछले वर्ष ही उसने पंजाब ओपन स्कूल बोर्ड में दाखिला लिया और अब वह 10वीं की परीक्षा दे रही है। सुबह 4 से रात 11 बजे तक पढ़ाई से लेकर घर के कामकाज में उसके पति पूरा सहयोग दे रहे हैं। उसके पति उसको ग्र्रैजुएट बनाने में दिन-रात एक कर रहे हैं।
मां-बेटा एक साथ जाते हैं ट्यूशन
उसने यह भी जानकारी दी कि उसकी 2 बेटियां ग्रैजुएशन पूरी कर चुकी हैं और बेटा 10वीं की परीक्षा दे रहा है। वह और उसका बेटा दीपक दोनों ही मिलकर परीक्षा की तैयारी करते हैं और दोनों ही ट्यूशन पढऩे भी जाते हैं।
ग्रैजुएट बनना एक टारगेट
उच्च शिक्षा प्राति का एक मकसद भी है रजनी का। रजनी ने बताया कि वह इस समय सिविल अस्पताल में पार्ट टाइम वार्ड अटैंडैंट के तौर पर काम करती है। शिक्षा से उसको रैगुलर होने का चांस प्राप्त हो सकता है और उसको उद्देश्य ग्रैजुएशन करना है।
पहले कुछ अजीब लगा
शुरू-शुरू में तो उसको छोटे ब‘चों के बीच में बैठकर पढऩा कुछ अजीब सा लगा लेकिन अब वह बेहद खुशी महसूस कर रही है। उसके पेपर भी बहुत अ‘छे हो रहे हैं।